पटनाः बिहार विधानसभा का मानसून सत्र समाप्त हो चुका है. 20 से 26 जुलाई तक चले इस सत्र में 5 दिन सदन की कार्यवाही हुई. गुरुवार को मानसून सत्र समाप्त हो गई और सदन को अनिश्चितकालीन स्थगित कर दिया गया. हालांकि मानसून सत्र के पहले दिन से लेकर अंतिम दिन तक सदन में केवल हंगामे ही हुआ. हालांकि अध्यक्ष ने कार्यवाही चलाने की अपील पूरे सत्र में करते रहे.


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वहीं, सरकार की ओर से सदन के मानसून सत्र में 6 विधेयकों को स्वीकृत करवाने में सफल रही. विपक्ष के हंगामे के बावजूद सत्तापक्ष ने 6 विधेयक को स्वीकृत कराया. जिसमें सबसे अहम विधेयक शराबबंदी कानून को लेकर था. हालांकि इस विधेयक पर भी विपक्ष ने जमकर बवाल काटा. सरकार को इस मुद्दे पर घेरने के लिए जमकर निशाना साधा.


मानसून सत्र में जिस तरह से कयास लगाये जा रहे थे की पूरे सत्र में हंगामेदार होगा वह सही साबित हुआ है. पहले दिन से ही विपक्ष सदन के अंदर और बाहर दोनों स्थानों पर हंगामा करती रही. वहीं, सत्र के दौरान मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में खुलासे के बाद विपक्ष का हंगामा और भी बढ़ गया.


मुजफ्फरपुर मामले में विपक्ष को सरकार को घेरने का सुनहरा मौका मिल गया. वहीं, नेता प्रतिपक्ष लगातार नीतीश सरकार को 3C यानी कि करप्शन,क्राइम और कम्युनल के मुद्दे पर घेर रही थी. उनका कहना था कि नीतीश सरकार विफल रही है और प्रदेश में क्राइम का ग्राफ बढ़ गया है. वहीं, महिला सुरक्षा के मुद्दे पर भी सरकार का विरोध सदन के अंदर और बाहर लगातार जारी रहा.


मानसून सत्र में काम कम और हंगामा ज्यादा होता दिखा. हालांकि विधानसभा अध्यक्ष सत्र में कार्यवाही की अपील करते रहे. उन्होंने सत्र से पहले भी सर्वदलीय बैठक बुलायी थी लेकिन सभी दल मीटिंग में शामिल नहीं हुए थे.


सरकार ने मानसून सत्र में ज्यादा से ज्यादा विधेयक को स्वीकृत कराना चाहती थी. कई ऐसे मामले हैं जो काफी समय से अटकें हुए हैं. जिसके बावजूद 5 दिन के कार्यवाही में सरकार 6 विधेयक स्वीकृत करा सकी है. हालांकि सरकार को खुशी है कि वह शराबबंदी संबंधी संशोधन विधेयक पास कराने में सफल रही.


मॉनसून सत्र स्वीकृत विधेयक स्वीकृत
बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद संशोधन विधेयक 2018
बिहार तकनीकी कर्मचारी चयन आयोग संशोधन विधेयक 2018
बिहार वित्त विधेयक 2018
दहेज प्रतिषेध निरसन विधेयक 2018
बिहार मत्स्य जलकर प्रबंधन संशोधन विधेयक 2018
बिहार विनियोग विधेयक 2018