Patna: बिहार विधानसभा (Bihar Vidhansabha) में आज लोकतंत्र तार-तार हो गया. सदन की गरिमा का किसी ने लिहाज नहीं रखा. पक्ष-विपक्ष के विधायक आपस में भिड़ गए, धक्का-मुक्की के साथ गाली-गलौच तक हुई, जिसके बाद सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा. लेकिन जब सदन में सदस्य दोबारा पहुंचे तो उन्हें शायद इस गलती का अहसास हो गया कि आज जो हुआ वो नहीं होना चाहिए था. दरअसल, इसकी पटकथा उस समय लिखी गयी, जब स्वास्थ्य विभाग के बजट पर चर्चा हो रही थी.


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जदयू की ओर से परबत्ता विधायक डॉ संजीव बोल रहे थे. इसी दौरान नेता प्रतिपक्ष Tejashwi Yadav सदन में आए और उसके बाद चर्चा में भाग लेते हुए पहले सत्र में अपनी बात नही कह पाने की बात उठायी. उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष का पद संवैधानिक है, जबकि उपमुख्यमंत्री का पद संवैधानिक नहीं है. इस पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया, जिसका जवाब देना विरोधी दल के सदस्यों ने भी शुरू किया. इसी दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों के बीच असंसदीय भाषा का प्रयोग एक-दूसरे पर शुरू कर दिया.


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विपक्षी सदस्य हंगामे के बीच बेल में आ गए और हंगामा करने लगे. दोनों पक्षों के विधायकों के बीच धक्का मुक्की और हाथापाई शुरू हो गयी. सदन में अराजकता देख कर अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कार्यवाही 3.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. आसान से उठकर अध्यक्ष अपने कक्ष में चले गए. इसके बाद भी सदन में अंदर हंगामे की स्थिति बनी रही और विधानसभा के मार्शल सदन के अंदर आ गए और हाथापाई कर रहे विधायकों को अलग किया. 


इशके बाद दोनों पक्षों के विधायकों के बीच मार्शल खड़े रहे, जिसके बीच बहस हो रही थी. विपक्षी सदस्यों ने सदन में रखी मेज को पटकना शुरू कर दिया. मेज पटके जाने के बाद विधानसभा के कर्मी वहां से उठकर चले गए और सदन के अंदर काफी देर तक हंगामे की स्थिति बनी रही. वहीं, तेजस्वी यादव ने कहा कि मैंने क्या गलत कहा है. जबकि सत्ता पक्ष इस मामले पर हमलावर रहा. JDU विधायक डॉ संजीव ने कहा कि लड़ाई विपक्ष की ओर से शुरू हुई थी. सत्ता पक्ष के नेता की तरफ हेड फोन फेंका गया. मैंने बचाया नहीं होता तो सर फट जाता.


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इधर, मंत्री जमा खान ने कहा कि विपक्ष के लोग ये साजिश रच कर आए थे. आज की घटना शर्मसार करने वाली थी. जबकि बीजेपी विधायक संजय सरावगी ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को कार्यसंचालन नियमावली की जानकारी नहीं है. मंत्री पर सवाल पूछने से पहले सदन को अध्यक्ष को सूचना देनी चाहिए.