Aaj Ka Panchang: आज अपरा एकादशी, जानिए पंचांग में शुभ तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि
Aaj ka Panchang: मान्यता है कि गुरुवार के दिन पानी में हल्दी डालकर उससे स्नान करना चाहिए. ऐसा आपको हर गुरुवार को करना चाहिए. कुछ ही दिनों में इसका असर नजर आने लगेगा. इसके अलावा गुरुवार को पौंछा न लगाएं और गलती से भी केले का सेवन न करें. क्योंकि आज के दिन केले की पूजा की जाती है और मान्यता है कि केले के पेड़ में भगवान विष्णु निवास करते हैं.
पटना: Aaj ka Panchang: आज का पंचांग आपके लिये शुभ तिथि और मुहूर्त लेकर आया है. आज दिन गुरुवार है, इसके साथ ही एकादशी भी है, जानिए पञ्चांग में क्या है खास, बता रहे हैं आचार्य हिमांशु उपमन्यु.
तिथि एकादशी 12:50 AM
नक्षत्र रेवती 02:13 AM
करण :
बालव 12:50 PM
कौलव 12:50 AM
पक्ष कृष्ण
योग आयुष्मान 12:17 AM
वार गुरुवार
सूर्योदय 05:17 AM
चन्द्रोदय 03:20 AM
चन्द्र राशि मीन
सूर्यास्त 06:50 PM
चन्द्रास्त 03:35 PM
ऋतु ग्रीष्म
हिन्दू मास एवं वर्ष
शक सम्वत 1944
शुभकृत
कलि सम्वत 5124
दिन काल 01:44 PM
विक्रम सम्वत 2079
मास अमांत वैशाख
मास पूर्णिमांत ज्येष्ठ
शुभ समय
अभिजित 11:46 - 12:43
अशुभ समय
दुष्टमुहूर्त 10:06 AM - 10:59 AM
कंटक 03:34 PM - 04:26 PM
यमघण्ट 06:24 AM - 07:17 AM
राहु काल 02:05 PM - 03:46 PM
कुलिक 10:03 AM - 10:57 AM
कालवेला या अर्द्धयाम 05:24 PM - 06:18 PM
यमगण्ड 05:27 AM - 07:09 AM
गुलिक काल 08:54 AM - 10:36 AM
दिशा शूल
दिशा शूल दक्षिण
ताराबल
अश्विनी, भरणी, रोहिणी, आर्द्रा, पुष्य, आश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, स्वाति, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद, रेवती
चन्द्रबल
वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला, मकर, मीन
गुरुवार के उपाय
मान्यता है कि गुरुवार के दिन पानी में हल्दी डालकर उससे स्नान करना चाहिए. ऐसा आपको हर गुरुवार को करना चाहिए. कुछ ही दिनों में इसका असर नजर आने लगेगा.
इसके अलावा गुरुवार को पौंछा न लगाएं और गलती से भी केले का सेवन न करें. क्योंकि आज के दिन केले की पूजा की जाती है और मान्यता है कि केले के पेड़ में भगवान विष्णु निवास करते हैं.
ध्यान रखें गुरुवार के दिन पीली वस्त्र पहनें और भोजन में भी पीली चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए. कोशिश करें इस दिन खाना बनाते समय आटे में हल्दी डाल दें इससे वह पीले रंग का हो जाएगा.
गुरुवार के दिन कोशिश करें कि घर के सभी सदस्य एक साथ बैठकर सत्यनारायण भगवान की कथा पढ़े व सुनें.