Apra Ekadashi 2022 Vrat Katha: जानिए क्या है अपरा एकादशी की व्रत कथा, सुनने से ही नष्ट हो जाते हैं पाप
Apra Ekadashi 2022 Vrat Katha: प्राचीन काल में महीध्वज नाम का एक धर्मात्मा राजा था. उसका एक छोटा भाई था, जिसका नाम था वज्रध्वज और वह उस राजा के प्रति द्वेष भावना रखता था. एक दिन वज्रध्वज ने मौका पाकर राजा की हत्या कर दी और उसकी शव को जंगल में ले जाकर पीपल के पेड़ के नीचे दबा दिया. अकाल मृत्यु होने की वजह से राजा की आत्मा प्रेत बनकर पीपल में रहने लगी.
पटनाः Apra Ekadashi 2022 Vrat Katha: सनातन परंपरा में ज्येष्ठ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा एकादशी मनाई जाती है. इस वर्ष यह तिथि 26 मई, 2022 को यानी आज पड़ रही है. इसे अजला/अचला और अपरा नामों से भी जाना जाता है. कहा जाता है कि इस दिन का व्रत करने से कीर्ति, पुण्य और धन की वृद्धि होती है. अपरा एकादशी का महत्व जानने के लिए ये कथा जरूर सुननी चाहिए. इस कथा को सुनने-पढ़ने से भी पुण्य फल की प्राप्ति होती है.
अपरा एकादशी व्रत कथा जानिए
प्राचीन काल में महीध्वज नाम का एक धर्मात्मा राजा था. उसका एक छोटा भाई था, जिसका नाम था वज्रध्वज और वह उस राजा के प्रति द्वेष भावना रखता था. एक दिन वज्रध्वज ने मौका पाकर राजा की हत्या कर दी और उसकी शव को जंगल में ले जाकर पीपल के पेड़ के नीचे दबा दिया. अकाल मृत्यु होने की वजह से राजा की आत्मा प्रेत बनकर पीपल में रहने लगी. फिर वह प्रेत आत्मा वहां से गुज़रने वाले प्रत्येक व्यक्ति को परेशान करने लगी.
ऋषि ने प्रेतआत्मा को दी मुक्ति
लोगों के अंदर उसका डर बैठने लगा. एक दिन उसी रास्ते से एक ऋषि गुज़र रहे थे तो उन्होंने उस प्रेत आत्मा को देखा और अपने तपोबल से उसके प्रेत बनने के पीछे का कारण पता किया. उसके बाद ऋषि ने अपनी शक्तियों के बल पर उस प्रेत आत्मा को पीपल के पेड़ से नीचे उतारा और परलोक विद्या का उपदेश दिया. उस आत्मा को प्रेत योनि से मुक्ति दिलाने के लिए ऋषि ने ख़ुद अपरा एकादशी का विधिवत व्रत किया और द्वादशी के दिन व्रत पूरा होने के बाद मिला हुआ पुण्य उस प्रेत को दे दिया. उसी व्रत के प्रभाव से राजा की प्रेत आत्मा को प्रेत योनि से हमेशा के लिए मुक्ति मिल गई और उसे स्वर्गलोक की प्राप्ति हुई.
आज चंद्रमा का गोचर
आज के दिन अपरा एकादशी आयुष्मान योग में हो रही है. आयुष्मान योग 25 मई, 2022 की रात 10 बजकर 43 मिनट पर शुरू हुआ और 26 मई, 2022 की रात 10 बजकर 13 मिनट पर समाप्त हो जाएगा. ज्योतिष के अनुसार, मीन राशि में चंद्र के प्रभाव के कारण मनुष्य अक्सर अपनी ही दुनिया में खोया रहता है. इस कारण से ये अपना बहुमूल्य समय दूसरी चीज़ों में व्यर्थ कर देते हैं. हालांकि इन लोगों का सेंस ऑफ़ ह्यूमर काफ़ी अच्छा होता है लेकिन बहुत ज़्यादा प्रभावशाली नहीं होता है. ऐसे लोग दूसरों के लिए पूरी तरह से समर्पित होते हैं.
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