पटनाः Beauty Tips: गर्मी का मौसम खत्म होते ही लोगों को गर्मी से निजात तो मिलती है लेकिन ये मानसून अपने साथ कई तरह के इन्फेक्शन भी अपने साथ लेकर आता है. जैसे- रैसेज , दाद, खुजली , मुहासे, चेहरे पर लालिमा आना ये सब मानसून में बेहद आम है. लेकिन मानसून में इन समस्याओं से खुद को बचाना बेहद जरूरी है. ऐसा करने से आपकी खुबसूरती को मौसम की नजर नहीं लगेगी. बरसात के मौसम में नमी अधिक होने के कारण स्किन काफी प्रभावित होती है. ह्यूमिडिटी ज्यादा होने के कारण पर्यावरण में बैक्टीरिया और कीटाणु की अधिकता होती है. बैक्टीरिया के कारण कई बार गंभीर परेशानी भी हो सकती है. ऐसे में इनका तुरंत उपचार होना जरूरी है. आइए जानते है बरसात के मौसम में कौन-सी स्किन रिलेटेड परेशानी आ सकती है और कैसे इससे खुद को बचा सकते है. 
 
स्कैबीज (खाज) से खुद को रखें प्रोटेक्ट
स्कैबीज यानि खाज, इसके बारे में आपने सुना तो होगा ही लेकिन इससे बचाव के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होगी. कभी-कभी इसे हम बहुत ज्यादा हल्के में ले लेते है, जिससे ये गंभीर समस्या का रूप ले लेता है. स्कैबीज एक इंफेक्शियस डिजीज है. ये समस्या त्वचा में तब शुरू होता है जब वुड वार्म जिसे हम घुन भी कहते है. इससे शरीर में जाने के बाद ही घुन शरीर में अंडे दे देता है जिसके कारण ज्यादा इंफेक्शन फैलने का खतरा होता है. स्कैबीज में  कई तरह की समस्या शुरू होती है. जैसे- खुजली स्किन में गांठ आना, स्किन मे छेद होना आदि शिकायत मिलती है. बारिश के मौसम में ये समस्या कई लोगों को आती है. इस समस्या से बचाव के लिए सबसे बेहतर है मलहम या दवा. आप  स्किन डॉक्टर से पुछ कर अपनी स्किन और उससे जुड़ी परेशानी को लेकर मलहम और दवा समय पर शुरू कर दें ताकि आप इसके गंभीर रूप लेने से पहले इसे ठीक कर लें.


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रैशेज से है परेशान
मानसूम में स्किन रिलेटेड कई तरह की परेशानी है. स्किन प्रॉब्लम्स के वजह भी अलग-अलग होते है. उन में से ही एक है एक्जिमा. ये मानसून के दिनों में होने का खतरा ज्यादा रहता है. मानसून में ही एक्जिमा लोगों को अपना शिकार बनाती है. इसके कारण शरीर के कई हिस्सों पर रैशेज हो जाते हैं. ये सबसे ज्यादा परेशान सेंसिटिव स्किन वालों को करता है. इसलिए सेंसिटिव स्किन वालों को इस मौसम में अपना खास ध्यान रखने की जरूरत होती है. एक्जिमा के कारण सिर्फ रैशेज ही नहीं बल्कि स्किन में खुजली , सूजन और लालीपन जैसी समस्या उत्पन्न कर देता है . कभी -कभी ये इतना गंभीर हो जाता है कि जलन जैसी समस्या भी शुरू हो जाते है. इससे बचने का सबसे बेहतर उपाय है सतर्कता . आप जितना ज्यादा हो सकें खुद को बारिश के पानी  में जाने से बचाए. बारिश के मौसम में भींगने से बचें. अगर आप बारिश के पानी में भींग भी जाते है तो जल्दी खुद को सुखाएं और ज्यादा परेशानी होंने पर स्किन डॉक्टर से तुरंत मिलें. 


फंगस से होने वाले इंफेक्शन
बारिश में फंगस से कई तरह के इंफेक्शन का खतरा बना रहता है. एथलीट्स फुट उनमें से एक है. एथलीट्स फुट को पैरों में होने वाला दाद भी कहते है. ये फंगस के द्वारा होने वाला इंफेक्शन है. दाद को एथलीट्स फुट इसलिए कहा जाता है, क्योंकि अक्सर एथलीट्स इस इंफेक्शन का शिकार हो जाते है. दाद होने पर पैरों की त्वचा, खासकर उंगलियों के बीच होने वाली खुजली आम है. दाद कई तरह के होते है, कई बार इससे त्वचा ड्राई हो जाती है. इसके अलावा दाद वाली जगह लाल और धारीदार हो जाती है. कई बार तो दाद के कारण स्किन की परतें निकलने लगती है. आपको बता दें कि, कई बार ये समस्या इतना गंभीर रूप ले लेता है की पैरों में सूजन , स्किन रैशेज और पैर फटने जैसी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
 
कैसे करें खुद का बचाव:- 
बारिश के मौसम में खुद को बारिश के पानी से बचाएं. कोशिश करें हमेशा छाता से खुद को प्रोटेक्ट करें. बारिश के मौसम में छाता और रेनकोट लेकर ही बाहर निकलें. अगर आप भींग जाते है तो घर पहुंचते ही सबसे पहले अपने हाथ-पैर अच्छी तरह साफ करके नहा लें. खुद को पूरी तरह साफ रखें. आप चाहें तो इसके लिए एंटी बैक्टीरियल साबुन ज्यादा इस्तेमाल करें . साथ ही नमी से बचे. बारिश के पानी में भींगे जूते को सूखाकर ही इस्तेमाल करें . अगर बात करें कपड़ों की तो जिन कपड़ों को ज्यादा दिन से इस्तेमाल नहीं किया हो उन कपड़ों का इस्तेमाल करने से बचें. साथ ही दूसरों के कपड़ें- जूते के इस्तेमाल से खुद को दूर रखें. ये सारी छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर आप मानसून में होने वाले सभी तरह के इंफेक्शन से बच सकते है . कोई भी इंफेक्शन के गंभीर रूप लेने से पहले आप सतर्क हो जाएं. ज्यादा परेशानी होने पर स्किन के डॉक्टर से अवश्य मिलें .


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