Bihar Board Matric Result 2022: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बीएसईबी) ने गुरुवार को मैट्रिक परीक्षा 2022 का रिजल्ट जारी कर दिया. मैट्रिक की परीक्षा में वैसे तो पूरे प्रदेश में 47 छात्र-छात्राओं ने टॉप टेन में जगह बनाई है, लेकिन रोहतास के रामाशंकर ने द्वितीय श्रेणी से उत्तीर्ण होकर भी अपना और गांव का नाम रौशन कर दिया. अभाव में रहते हुए भी सफलता के झंडे लहराना कोई मामूली बात नहीं है. रोहतास जिला के बिक्रमगंज के घुसिया खुर्द पंचायत के गोपालपुर मुसहर टोला का रामाशंकर मैट्रिक परीक्षा में सेकंड डिवीजन से पास होकर भी टॉपर हो गया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मुसहर टोला में आजादी के बाद मैट्रिक पास करने वाला पहला छात्र
रामाशंकर अपने टोला में पहला छात्र है, जिसने आजादी के बाद मैट्रिक की परीक्षा पास की है. पूरे टोले के लिए रामाशंकर बिहार टॉपर से कम नहीं है. रामाशंकर झुग्गी-झोपड़ी में बोरे पर बैठकर पढ़ाई करता था. मैट्रिक परीक्षा में वैसे तो रामाशंकर को 500 में से मात्र 287 अंक मिले हैं और उसने परीक्षा में द्वितीय स्थान प्राप्त किया है, लेकिन 100 से अधिक घर वाले गोपालपुर मुसहर टोला में जश्न का माहौल है. रामाशंकर ने अपने टोले का मान बढ़ाया है, क्योंकि गोपालपुर मुसहर टोला से आज तक किसी ने मैट्रिक पास नहीं किया था. रामाशंकर हाई स्कूल बिक्रमगंज में पढ़ाई कर रहा था और उसने अपनी मेहनत की बदौलत यह सफलता पाई है. रामाशंकर ने बताया कि मुसहर जात में मैंने सबसे पहले मैट्रिक पास किया है, लेकिन मैं चाहता हूं कि मेरे गांव के लड़के पढ़ें और गांव का विकास हो. रामाशंकर बीपीएससी की तैयारी करना चाहता है.


चूहा मारकर और सफाई कर गुजारा करता है परिवार
रामाशंकर ने भले ही सेकंड डिवीजन से पास किया है, लेकिन ये सफलता उसके माता-पिता के लिए बहुत बड़ी जीत है और इस जीत को वो आगे भी देखना चाहते हैं. रामाशंकर के पिता की बेटे को साहब बनते देखने की ख्वाहिश है. रामाशंकर के पिता मैन मुसहर खेतों में चूहा मारने और नालों की सफाई का काम कर अपना गुजारा करते हैं. इस विषम परिस्थिति में भी अपने बच्चे को मैट्रिक की परीक्षा पास करता देख वो काफी खुश हैं. मैन मुसहर चाहते हैं कि उनका बेटा डीएम बनें और जिले का नाम रौशन करे. रामाशंकर के माता-पिता दिन रात मेहनत और मजदूरी कर अपने बच्चे को पढ़ा-लिखा कर कलेक्टर बनाना चाहते हैं.


छात्रों का प्रेरणा स्रोत बना रामाशंकर
गोपालपुर मुसहर टोला में आज भी बिजली-पानी की व्यवस्था नहीं है. जिस तरह से झुग्गी-झोपड़ी में बिना बिजली-बत्ती के घोर अभाव में सामाजिक असमानता के बीच रामाशंकर ने सफलता पाई है, ये बिहार टॉपर होने से कम खुशी की बात नहीं है. रामाशंकर पूरे गांव का हीरो हो गया है. कई छात्र अब रामाशंकर से प्रेरणा ले रहे हैं और परीक्षा पास करना चाहते हैं. मैट्रिक की परीक्षा में गुदड़ी के लाल ने कमाल कर दिया है और अभाव में कामयाबी की रोशनी को जलाए रखा. रामाशंकर को कामयाबी मिली तो माता-पिता का सीना चौड़ा हो गया. आखिरकार, रोहतास के रामाशंकर ने वो कर दिखाया जो आजादी के बाद पहली बार हुआ है.


(इनपुट-अमरजीत कुमार)