दरभंगा: यदि कहें कि बिहार विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में एक और सीढ़ी चढ़ने वाला है तो ये अतिशयोक्ति नहीं होगी. दरअसल दरभंगा में बिहार का आधुनिक तारामंडल बन रहा है. राजधानी पटना के बाद यह बिहार में बनने वाला दूसरा और सबसे आधुनिक तारामंडल होगा. 


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दरभंगा को तारामंडल की सौगात
बिहार सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से 73 करोड़ 73 लाख 60 हजार 331 रुपये की लागत से तारामंडल का निर्माण किया जा रहा है. करीब साढ़े तीन एकड़ रकबे में तारामंडल का निर्माण दरभंगा पॉलिटेक्निक कॉलेज की जमीन पर हो रहा है. 


31 मई तक होगी ओपनिंग 
तारामंडल परिसर में डेढ़ सौ सीटों के प्लैनेटेरियम और 300 सीटों का ऑडिटोरियम बनाया जा रहा है. वहीं छत पर पाथ-वे और रूफ गार्डन विकसित किया जा रहा है. ताकि लोग प्रकृति की गोद में होने का भी लुफ्त उठा सकें. कुल मिलाकर तारामंडल को 31 मई तक दर्शकों के लिए खोल देने की योजना है.


शिक्षा के साथ पर्यटन को बढ़ावा
स्थानीय लोगों का मानना है कि तारामंडल के बन जाने से न सिर्फ उत्तर बिहार, बल्कि पड़ोसी देश नेपाल के सीमावर्ती जिलों के छात्र-छात्राएं भी ग्रहों और तारों की दुनिया की सैर कर सकेंगे. साथ ही कई तरह की खगोलीय रिसर्च भी यहां की जा सकेंगी. 


रोजगार के बढ़े अवसर
तारामंडल के निर्माण कार्य में लगे मजदूर ने बताया कि पहले वे पंजाब के लुधियाना में काम करते थे. जब से तारामंडल का निर्माण शुरू हुआ है उन्हें अपने घर के आसपास ही रोजगार मिल गया है. उन्होंने कहा कि जब यह बनकर तैयार होगा तो यहां आसपास कई तरह की दुकानें खुलेंगी और दूसरे रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे. उन्होंने कहा कि सरकार अगर इसी तरीके से विकास के काम करे तो बिहार में ही रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे. लोगों को बाहर मजदूरी करने नहीं जाना पड़ेगा.


विकास से बदलेगी तस्वीर
दरभंगा डीएम राजीव रोशन ने कहा कि दरभंगा में तारामंडल बन जाने से शहर की तस्वीर बदल जाएगी. उन्होंने कहा कि आसपास के इलाके का विकास होगा. इससे छात्रों-युवाओं को विज्ञान की गतिविधियां समझने में काफी मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि तारामंडल का काम काफी तेज गति से चल रहा है और आने वाले कुछ महीनों में यह बनकर तैयार हो जाएगा.


(इनपुट-मुकेश)