बीजेपी-जेडीयू में नहीं बन रही बात, क्या छूट जाएगा साथ?
केसी त्यागी ने कहा कि `हमारी तरफ से बातचीत भी की गई और उम्मीदवारों की लिस्ट भी दे दी गई. लेकिन उसके बाद से बीजेपी ने अब तक कोई जवाब नहीं दिया है.
पटना: पिछले कुछ दिनों में बिहार में बीजेपी और जेडीयू के बीच तमाम मुद्दों पर मतभेद खुलकर सामने आए हैं. जातिगत जनगणना (Caste Census) का मामला हो, या फिर बिहार को विशेष राज्य (Bihar Special State Status) का दर्जा देने की बात हो, दोनों ही मुद्दों पर बीजेपी की चुप्पी ने जेडीयू को असहज कर रखा है. यहां तक कि विरोधी दल लगातार इस बात को लेकर जेडीयू पर हमलावर रहे हैं और उसे बेबस-लाचार पार्टी करार दे रहे हैं.
ऐसे में कुछ और सियासी मुद्दों ने विपक्ष को बीजेपी-जेडीयू पर निशाना साधने का मौका दे दिया है. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) और बिहार में होने वाले एमएलसी चुनाव (Bihar Vidhan Parishad Chunav) के मामले में JDU-BJP के बीच तालमेल का अभाव दिखने लगा है. दोनों दलों की तरफ से सिर्फ बयानबाजी हो रही है, लेकिन दोनों पार्टियों का नेतृत्व इस मामले पर अब तक खामोश है. जाहिर सी बात है कि विपक्ष को एक बार फिर सत्ताधारी दलों पर जुबान खोलने का मौका मिल गया है.
JDU ने रखी 50-50 फॉर्मूले की डिमांड
बिहार में 24 सीटों पर होने वाले एमएलसी चुनाव को लेकर जेडीयू ने सहयोगी बीजेपी के सामने ऐसी मांग रखी है, जिस पर बीजेपी की रजामंदी मुश्किल है. दरअसल जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा (Upendra Kushawaha) ने बीजेपी को इशारों में लोकसभा और विधानसभा चुनाव की याद दिलाई. कुशवाहा ने उसी फॉर्मूले के तहत एमएलसी चुनाव में भी सीट बंटवारे की सलाह दे डाली.
'फॉर्मूला सुझाने की जरूरत नहीं'
उपेन्द्र कुशवाहा ने हालांकि ये बात इशारों में ही कही थी, लेकिन बीजेपी को ये नागवार गुजरी. कुशवाहा के बयान पर प्रतिक्रिया देने में बीजेपी ने देरी नहीं की. बीजेपी के प्रदेश स्तर के नेताओं ने कहा कि 'अभी इस मसले पर दोनों दलों के शीर्ष नेतृत्व में कोई बात शुरू भी नहीं हुई है. अभी जब तक इस पर कोई बात नहीं होती, तब तक किसी भी नेता को इस तरह के बयान से परहेज करना चाहिए. किसी को मीडिया में आकर इस तरह का फॉर्मूला सुझाने की जरूरत नहीं है.'
यूपी चुनाव में सीटों की मांग
बात सिर्फ बिहार तक सीमित नहीं रह गई है. JDU ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर भी BJP को संदेश दिया. JDU के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने इस मामले में पार्टी की तरफ से बात रखी. त्यागी ने कहा कि 'हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने पार्टी की तरफ से केन्द्र सरकार में मंत्री आरसीपी सिंह को मामले में बीजेपी से बातचीत के लिए अधिकृत किया है. आरसीपी सिंह की उत्तर प्रदेश में BJP-JDU गठबंधन को लेकर BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda), गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah), रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और बीजेपी के यूपी प्रभारी धर्मेन्द्र प्रधान से बात हुई है. ये बातचीत बेहद सकारात्मक भी रही है.
जेडीयू ने सौंपी उम्मीदवारों की सूची
केसी त्यागी ने ये भी कहा कि 'मैंने खुद भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) से विधानसभा चुनाव में गठबंधन को लेकर बातचीत की है. बीजेपी ने हमारी पार्टी से उम्मीदवारों की सूची मांगी और हमने वो लिस्ट सौंप भी दी है.'
'गठबंधन पर हो फैसला'
केसी त्यागी ने कहा कि 'हमारी तरफ से बातचीत भी की गई और उम्मीदवारों की लिस्ट भी दे दी गई. लेकिन उसके बाद से बीजेपी ने अब तक कोई जवाब नहीं दिया है. चुनाव की तारीखों की घोषणा हो चुकी है और बहुत जल्द नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू होने वाली है. इसलिए बीजेपी को तुरंत स्पष्ट करना चाहिए कि गठबंधन को लेकर उनका क्या फैसला है.'
'अकेले लड़ने की तैयारी'
बिहार एमएलसी चुनाव के साथ उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर भी JDU अब जल्द फैसला चाहती है. यूपी में चुनाव नजदीक है, ऐसे में पार्टी अपनी तैयारियों में जुटना चाहती है. जेडीयू ने बीजेपी पर अब दबाव बनाना शुरू कर दिया है और अल्टीमेटम भी दे दिया है कि 'जल्द फैसला करें, नहीं तो हम अकेले मैदान में उतरेंगे.'
बिहार में सिर्फ बीजेपी-जेडीयू का गठबंधन
सहयोगी के अल्टीमेटम पर बीजेपी के केंद्रीय नेताओं ने कुछ नहीं कहा, लेकिन बिहार बीजेपी के नेताओं ने जेडीयू को धैर्य रखने को कहा है. बीजेपी का कहना है कि 'बिहार के अलावा किसी प्रदेश में हमारा कोई गठबंधन नहीं है. अगर गठबंधन पर बात बनती है तो पार्टी के शीर्ष नेता खुद सब कुछ स्पष्ट करेंगे. इस पर प्रेशर पॉलिटिक्स करने की जरूरत नहीं है.'
'चंद दिनों का साथ'
हालांकि JDU-BJP की इसी बयानबाजी पर विपक्ष जमकर हमलावर है. विपक्ष ये दावा कर रहा है कि 'पहले से ही इन दोनों दलों में जातीय जनगणना और विशेष राज्य के दर्जे को लेकर तनातनी चल रही है. अब बिहार में एमएलसी चुनाव और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर नाराज़गी है. ऐसे में ये गठजोड़ चंद दिनों का बचा है और जल्द ही NDA बिखर जाएगा.'
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