Patna: बिहार (Bihar) के CM नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने कहा कि वर्ष 2007 में ही हमलोगों ने राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (National Education Day) मनाने का निर्णय लिया था. हमने केंद्र सरकार से भी आज के दिन शिक्षा दिवस मनाने का अनुरोध किया था. अब केंद्र भी शिक्षा दिवस मना रही है. यह बातें CM नीतीश ने आज 11 नवंबर को शिक्षा दिवस के मौके पर कही. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि आने वाले समय में स्कूल के बच्चों को मौलाना अबुल कलाम आजाद (Maulana Abul Kalam Azad) के बारे में पढ़ाया जाएगा. किस तरह से संघर्ष के बाद उन्होंने सफलता हासिल की और उनका शिक्षा के क्षेत्र में क्या योगदान रहा.


अपर मुख्य सचिव ने कहा- बजट का 20 फीसदी खर्च शिक्षा पर 
वहीं, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (ACS) संजय कुमार (Sanjay Kumar) ने कहा कि शिक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में एक है. बजट का 20 फीसदी हिस्सा शिक्षा पर खर्च हो रहा है. अब हर जिले में PG की पढ़ाई होगी. वर्तमान में 29 जिले में PG की पढ़ाई हो रही है और बाकी के जिलों में भी इस वर्ष से पढ़ाई शुरू कर दी जाएगी.


ये भी पढ़ें- खुशखबरी! बिहार के साढ़े तीन लाख शिक्षकों को मिलेगा 15 प्रतिशत बढ़े हुए वेतनमान का लाभ


पटना सचिवालय में मना शिक्षा दिवस 
बता दें कि आज अधिवेशन भवन, सचिवालय परिसर, पटना में शिक्षा दिवस के मौके पर समारोह हुआ. राज्य के CM नीतीश कुमार मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए. वहीं विशिष्ट अतिथियों में डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद (Tarkishor Prasad) और रेणु देवी (Renu Devi) थीं. कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी (Vijay Kumar Choudhary) ने की. इस समारोह के संबंध में एजुकेशन डिपार्टमेंट (Education Department) के ऑफिशियल ट्वीटर हैंडल से 6 नवंबर को ही जानकारी दी गई थी.


जानें 11 नवंबर को ही क्यों मनाया जाता है शिक्षा दिवस 
दरअसल, आज ही के दिन, यानी 11 नवंबर 1888 को स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद का जन्म हुआ था. उन्होंने देश में शिक्षा के ढ़ांचे को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. वर्ष 2008 से ही हर वर्ष उनके सम्मान में शिक्षा दिवस (Education Day) मनाया जाता है.