दिल्ली/पटना: जेडीयू के विधान परिषद सदस्य गुलाम रसूल बलियावी (Gulam Rasool Balyawi) ने शादी होने की उम्र सीमा को लेकर बेतुका तर्क दिया है. उन्होंने कहा कि कहा कि कानून में संशोधन हो सकता है लेकिन शारीरिक बनावट में संशोधन कैसे होगा? बलियावी ने कहा कि कानून का यह संशोधन ना तो उन्हें समझ आ रहा है और ना ही इसका औचित्य फिलहाल दिखाई दे रहा है.


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बॉडी का नेचर कानून के हिसाब आ जाएगा?
जेडीयू एमएलसी ने कहा, 'बालिग होने की उम्र बढ़ा देना अपनी जगह है और बालिग होने की जो नेचुरलटी है वो अपनी जगह है. आयु अगर कानून में बढ़ जाए तो क्या जो शरीर का नेचर है, वो कानून के हिसाब से आएगा? वो तो अपने समय से आ जाएगा.'