उपचुनाव को लेकर NDA ने उतारे उम्मीदवार, महागठबंधन में तकरार बरकरार
बिहार (Bihar) में दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव को लेकर तैयारियां तेज़ हो गई हैं. उपचुनाव (byelection) की घोषणा के बाद से सभी दलों ने अपनी रणनीति पर काम करना शुरु कर दिया है. बिहार के दोनों सियासी गठबंधन ने जीत के दावे भी किए हैं.
Patna: बिहार (Bihar) में दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव को लेकर तैयारियां तेज़ हो गई हैं. उपचुनाव (byelection) की घोषणा के बाद से सभी दलों ने अपनी रणनीति पर काम करना शुरु कर दिया है. बिहार के दोनों सियासी गठबंधन ने जीत के दावे भी किए हैं. दरभंगा की कुशेश्वरस्थान विधानसभा सीट और मुंगेर की तारापुर विधानसभा सीट दोनों ही गठबंधन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. इसलिए कोई भी गठबंधन इस उपचुनाव को हाथ से जाने नहीं देना चाहता.
साल 2019 के लोकसभा चुनाव और 2020 के विधानसभा चुनाव की तरह दो सीटों के उपचुनाव को लेकर भी NDA ने विरोधियों पर मनोवैज्ञानिक बढ़त बनाने की कोशिश की है. NDA ने इन दोनों ही सीटों पर अपने उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है. वहीं, महागठबंधन में अभी तक ये भी तय नहीं हो पाया है कि कौन सी सीट पर किस पार्टी का उम्मीदवार होगा. इसको लेकर महागठबंधन में तनातनी खुलकर सामने आने लगी है.
कांग्रेस-RJD में झुकने को नहीं कोई राज़ी
एक तरफ महागठबंधन में दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव को लेकर बयानबाजी चल रही है, तो दूसरी तरफ NDA ने उम्मीदवारों का ऐलान कर जनता के बीच सकारात्मक संदेश देने की कोशिश की है. सिर्फ दो सीटों के उपचुनाव को लेकर भी NDA ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया. इसमें BJP के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल, JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, विकासशील इंसान पार्टी के मुखिया मुकेश सहनी मौजूद रहे. NDA ने दोनों सीटों पर JDU उम्मीदवार को मैदान में उतारा है. दोनों उम्मीदवारों के नाम का ऐलान BJP के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने किया. कुशेश्वरस्थान विधानसभा सीट से विधायक रहे दिवंगत शशिभूषण हजारी के बेटे अमन हजारी को JDU ने टिकट दिया है, जबकि मुंगेर की तारापुर सीट से राजीव कुमार सिंह को उम्मीदवार बनाया गया है.
'मुकेश सहनी ने उठाई जिम्मेदारी'
उम्मीदवारों का ऐलान करने के दौरान NDA के सभी नेताओं ने एक सुर में दावा कि दोनों सीटों पर गठबंधन की जीत होगी. कुशेश्वरस्थान सीट को लेकर मुकेश सहनी ने कहा कि 'मैं इसी सीट का मतदाता हूं और यहां NDA के लिए वोट की व्यवस्था करना मेरी जिम्मेदारी है. हर हाल में ये सीट NDA की ही झोली में आएगी.' वहीं, तारापुर सीट को लेकर BJP नेता और मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि '2020 में हमने यहां NDA को बड़ी जीत दिलाई थी. इस बार भी यहां से NDA उम्मीदवार की जीत तय है. महागठबंधन का कोई भी उम्मीदवार यहां नहीं टिक पाएगा.'
'सभी दल कर रहे हैं जीत का दावा'
एक तरफ NDA के सभी दलों ने एकजुटता का संदेश दिया और जीत का दावा किया. वहीं महागठबंधन के नेता खुलकर सीटों पर दावेदारी जताने में लगे हैं. RJD लगातार ये दावा कर रही है कि दोनों सीटों पर उसके ही उम्मीदवार होंगे. जबकि कांग्रेस किसी भी सूरत में कुशेश्वरस्थान सीट छोड़ने को राजी नहीं है. कांग्रेस का दावा है कि इस सीट पर उसकी मजबूत पकड़ है और ये पार्टी की परंपरागत सीट है. लेकिन RJD का मानना है कि यहां से जिताऊ उम्मीदवार की जरूरत है और वो सिर्फ RJD ही दे सकती है.
अनसुलझी 'गांठ' बढ़ाएगी महागठबंधन की परेशानी!
RJD और कांग्रेस के बीच चल रही बयानबाजी पर NDA के घटक दल जमकर चुटकी ले रहे हैं. NDA का कहना है कि 'महागठबंधन में RJD सिर्फ अपनी धौंस जमाती है. कांग्रेस इतनी लाचार और बेबस पार्टी बन गई है कि खुलकर RJD से अपनी नाराजगी का इजहार नहीं कर सकती है. साल 2020 के चुनाव में जो सीट कांग्रेस को मिली थी, वो सीट भी RJD इस उपचुनाव में सहयोगी से छीनने की कोशिश में लगी है. RJD कभी भी गठबंधन धर्म का पालन नहीं करती है और सहयोगी को खुद से कमतर आंकती है.'
वहीं महागठबंधन अब भी ये दावा कर रहा है कि कोई भी विवाद नहीं है. गठबंधन के नेताओं का कहना है कि 'अभी तक कांग्रेस या RJD के किसी भी बड़े नेता ने उम्मीदवारी पर कुछ नहीं बोला है. जब भी दोनों पार्टी के बड़े नेता बैठेंगे उसी समय सारी बातें साफ हो जाएंगी. महागठबंधन में किसी भी तरह का कोई विवाद नहीं है. हम एकजुट हैं और मिलकर NDA के उम्मीदवार को उपचुनाव में पटखनी देंगे.'
महागठबंधन के नेता चाहे जितनी भी सफाई दें, लेकिन महज दो सीटों को लेकर भी उम्मीदवारी तय करने में खींचतान से किरकिरी हो रही है. अगर जल्द से जल्द कांग्रेस और RJD ने उम्मीदवार तय नहीं किए, तो साल 2019 और 2020 की तरह का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.