Patna: मौलाना मजहरूल हक अरबी-फारसी यूनिवर्सिटी (Maulana Mazharul Haque Arabic & Persian University) के कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद कुद्दुस के खुलासे से शिक्षा विभाग सकते में हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को लिखी चिट्ठी में उन्होंने धांधली के गंभीर आरोप भी लगाए थे. जिसके बाद पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति का प्रभार देख रहे सुरेंद्र प्रताप सिंह से प्रभार वापस ले लिए गए.


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शिक्षा विभाग ने सभी कुलपतियों को लिखा पत्र
हालांकि, प्रोफेसर सुरेंद्र प्रताप सिंह अभी ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (Lalit Narayan Mithila University) के कुलपति हैं जबकि आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति का प्रभार उनपर है. इसी बीच शिक्षा विभाग ने सभी कुलपतियों को एक चिट्ठी जारी की.


 यूनिवर्सिटीज का परफॉर्मेंस ऑडिट किया जाए
शिक्षा विभाग ने सभी कुलपतियों से कहा है कि टेंडर, कॉपी की खरीदी,गार्ड्स की नियुक्ति सहित दूसरे मामलों में पारदर्शिता बरती जाए. शिक्षा विभाग ने बिहार के महालेखाकर को एक चिट्ठी लिखी है और कहा है कि राज्य की यूनिवर्सिटीज का परफॉर्मेंस ऑडिट किया जाए. शिक्षा विभाग ने साफ साफ कहा है कि पिछले कई सालों से विश्वविद्यालयों के आय और व्यय का ऑडिट नहीं हुआ, लिहाजा अभ वक्त आ गया है कि परफॉर्मेंस ऑडिट किया जाया.


जांच की उठी मांग
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने लिखा है कि बिहार के विश्वविद्यालयों में बिजली, टेलिफोन बिल, होल्डिंग टैक्स, वाहनों के लिए सरकार की तरफ से पैसे दिए जाते हैं. विश्वविद्यालयों की सुरक्षा और सफाई के लिए आउटसोर्सिंग मद में भुगतान किए जाते हैं और इसके लिए भी शिक्षा विभाग की तरफ से पैसे जाते हैं. इसी तरह परीक्षा के लिए आसंर और क्वेशन सीट की छपाई होती है लिहाजा इन सब चीजों की अब जांच हो.


जितना दिन होगा ईमानदारी से यूनिवर्सिटी चलाएंगे: वीसी
महालेखाकार से कहा गया है कि परफॉर्मेंस ऑडिट की रिपोर्ट जल्द भेजी जाए. इसी बीच मौलाना मजहरूल हक अरबी-फारसी यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद कुद्दुस ने एक बार फिर सभी विश्वविद्यालोयं में परफॉर्मेंस ऑडिट की मांग की है. उन्होंने कहा है कि जितना दिन होगा ईमानदारी से यूनिवर्सिटी चलाएंगे लेकिन अगर किसी तरह  का दबाव आया तो त्यागपत्र भी दे सकता हूं.