पंचायत चुनाव के अजब-अनूठे रंग, उम्मीदवारों को रात को भी नहीं है चैन
प्रत्याशी लोगों के बीच अपने कार्यकाल की उपलब्धियों गिना रहे हैं. लेकिन, इतने से भी जब जीत का भरोसा नहीं हो रहा तो वे, रात को प्रचार से छुटकारा पाते ही भगवान के दरबार में पहुंच जाते हैं. मंदिर में पहुंचकर वे न सिर्फ पूजा-अर्चना करते हैं बल्कि भजन-कीर्तन में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं.
Patna: बिहार में पंचायत चुनाव के लिए घमासान जारी है. अबतक दो दौर का मतदान हो चुका है, जबकि तीसरे दौर का मतदान 8 अक्टूबर को और अंतिम दौर की वोटिंग 12 दिसंबर को होगी. पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Chunav 2021) में विभिन्न पदों पर जीत के लिए तमाम प्रत्याशी अपनी ताकत झोंक रहे हैं. अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए न सिर्फ जनता के दरबार में अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं बल्कि जैसे ही थोड़ी सी फुर्सत मिलती है, भगवान के दरबार में भी जीत के दुआ मांगने पहुंच जाते हैं. इन प्रत्याशियों को न दिन को चैन है, न रात को नींद आ रही है.
देर रात मंदिर में पूजा करते दिखे प्रत्याशी
प्रत्याशी अपनी जीत के लिए किस कदर बेचैन हैं, इसका नजारा फारबिसगंज के रानीगंज प्रखंड में देखने को मिला, जहां तीसरे चरण में मतदान होना है. यहां के बगुलाहा पंचायत के निवर्तमान मुखिया अपनी सीट बचाने के लिए दिन-रात अपने क्षेत्र के वोटरों को मनाने में जुटे हैं. लोगों से नए वादे कर रहे हैं और पिछले कार्यकाल की कमियों के लिए माफी भी मांग रहे हैं. इस दौरान वे लोगों के बीच अपने कार्यकाल की उपलब्धियों को भी गिनाते हैं. लेकिन, इतने से भी जब जीत का भरोसा नहीं हो रहा तो वे, रात को प्रचार से छुटकारा पाते ही भगवान के दरबार में पहुंच जाते हैं. मंदिर में पहुंचकर वे न सिर्फ पूजा-अर्चना करते हैं बल्कि भजन-कीर्तन में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं. जब माहौल शांत होता है तो वे भगवान से अपनी जीत का आशीर्वाद मांगते हैं.
ये भी पढ़ें-पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में 55.02 फीसदी मतदान, निर्जला व्रत में भी महिलाओं ने दिखाया जोश
एक वोट से हार पर हंगामा
उधर, अरवल में मुखिया पद के एक प्रत्याशी की किस्मत दगा दे गयी और जीत जैसे हाथ आकर फिसल गयी. दरअसल, यहां के परासी पंचायत (Bihar Panchayat Chunav 2021) की मुखिया पद के लिए मुसर सुल्ताना ताज और अनीता देवी के बीच मुकाबला बेहद नजदीकी रहा. अंतिम समय तक यह तय कर पाना मुश्किल था कि जीत किसकी होगी. लेकिन मतगणना का जब अंतिम दौर पूरा हुआ तो सुल्ताना सिर्फ एक वोट से आगे निकल गयीं और अनीता देवी पिछड़ गयीं.
पराजित प्रत्याशी और उनके समर्थकों के लिए इस परिणाम को पचान पाना बेहद मुश्किल था. सुल्ताना को जैसे ही जीत का सर्टिफिकेट जारी किया गया, विरोधी प्रत्याशी और उनके समर्थकों का गुस्सा भड़क गया. उन्होंने वोटों की रिकाउंटिग को लेकर जमकर हंगामा किया. यहां तक कि अधिकारियों और पुलिसकर्मियों के साथ भी धक्का-मुक्की की गयी. इन आक्रोशित समर्थकों को किसी तरह से समझा-बुझाकर मामला शांत कराया गया.
(इनपुट- कुमार नितेश, संजय कुमार)