पटनाः पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने राज्य के विभिन्न नेशनल हाईवे के निर्माण एवं रखरखाव के मामले पर सुनवाई की. मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश एस कुमार की खंडपीठ के समक्ष इन मामलों पर सुनवाई हुई. इस दौरान हाजीपुर-मुजफ्फरपुर एनएच-77 (Hajipur Muzaffarpur NH 77) के मामले में डीएम, वैशाली ने हलफनामा दायर किया. कोर्ट को बताया गया कि रामाशीष चौक से अतिक्रमण हटा दिया गया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

देरी पर जताई नराजगी
पटना हाईकोर्ट ने मंगलवार को बिहार के तीन जिलों - खगड़िया, मधेपुरा और सहरसा से गुजरने वाले NH-107 के एक खंड को चौड़ा करने में देरी पर नाराजगी जताई. अदालत ने इस संबंध में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) से विस्तृत जवाब मांगा है. मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए 90 किमी की परियोजना की सुस्त चाल पर नाराजगी जताई.


अगली सुनवाई 25 जनवरी को
अदालत को सूचित किया गया था कि परियोजना की समय सीमा 19 दिसंबर, 2021 को समाप्त हो गई थी और स्थानीय लोगों द्वारा कई बिंदुओं पर अवरोधों के कारण इसे जून 2023 तक बढ़ा दिया गया था. आरोप का जवाब देते हुए, अतिरिक्त महाधिवक्ता अंजनी कुमार ने तर्क दिया कि यदि इस तरह के आरोप हैं तो हलफनामे के माध्यम से जमा कराने पर प्रशासन और पुलिस कार्रवाई करेगी. एनएचएआई के वकील ने अपने मुवक्किल की ओर से अदालत को आश्वासन दिया कि इस साल जून तक इस परियोजना पर 50 फीसदी काम पूरा कर लिया जाएगा. कोर्ट अब इस मामले की सुनवाई 25 जनवरी को करेगी.


इस मामले पर हुई सुनवाई
पटना हाई कोर्ट में इसके साथ साथ मुंगेर से मिर्जा चौकी एनएच मामले पर भी सुनवाई हुई. यह हाईवे दो जिलों मुंगेर और भागलपुर से होकर गुजरता है. लेकिन गंगा के किनारे स्थित होने की वजह से हर साल बाढ़ के पानी में बह जाता है. इसलिए, बिहार सरकार के आग्रह पर केंद्र सरकार के सड़क व परिवहन मंत्रालय ने कंक्रीट रोड के निर्माण के लिए टेंडर निकाला है, जो कि महीने के अंत तक फाइनल हो जाएगा.