Patna: पटना नगर-निगम (Patna Municipal Corporation) ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं. हालांकि देशभर के स्वच्छ शहरों में पटना की स्थिति बेहतर होगी, इसकी संभावना कम ही दिख रही है. कुछ सड़कें व चौक-चौराहे जरूर साफ दिखते हैं, लेकिन पटना शहर (Patna City) में गंदगी ही नजर आती है.


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फिलहाल स्वच्छ शहरों में पटना 44वें स्थान पर 
फिलहाल पटना 10 लाख की आबादी वाले शहरों में स्वच्छता में 44वें स्थान पर है. निगम के मुताबिक इस बार उसका प्रदर्शन बेहतर होगा. पटना बिहार की राजधानी होने के साथ ही सूबे का सबसे बड़ा शहर भी है. निगम ने सफाई के दावे के लिए पिछले कुछ सालों में जरूर कुछ पहल की है, लेकिन उस पहल का असर जमीन पर नहीं दिख रहा है. 


शहर के कई हिस्सों में गंदगी का अंबार 
सफाई के नाम पर पटना (Patna) के कुछ इलाके जरूर साफ नजर आते हैं, लेकिन दूसरे हिस्सों में अब भी गंदगी का अंबार है. एक तरफ पटना नगर निगम का दावा है कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 में शहर बेहतर प्रदर्शन करेगा. लेकिन पटना के लोगों और खुद निगम के कुछ पार्षदों को ही इन दावों पर यकीन नहीं है.            


2014 में शुरू हुआ था स्वच्छ शहरों के लिए सर्वेक्षण
दरअसल केंद्र सरकार (Central Government) ने वर्ष 2014 में स्वच्छ शहरों के लिए सर्वेक्षण (Survey) शुरू किया था. जिसे स्वच्छता सर्वेक्षण नाम दिया गया. हर साल केंद्र की एक टीम अलग-अलग शहर में जाकर जायजा लेती है और फिर केंद्रीय शहरी मंत्रालय उसकी रिपोर्ट पेश करता है. अभी इंदौर, भोपाल, सूरत, बेंगलुरु, नई दिल्ली सहित दूसरे शहरों का स्वच्छ शहरों में आला स्थान है. लेकिन पटना इसमें काफी पिछड़ा है.


निगम के अनुसार स्थिति पहले से बेहतर 
फिलहाल स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 चल रहा है. पटना नगर निगम इसके लिए जल्द ही टॉल फ्री नंबर और एक ऐप की शुरुआत करने जा रहा है. ताकि सिटीजन फीडबैक में पटना बेहतर कर सके. साल 2021 में जब पटना नगर निगम का सर्वे आया था, उसमें पटना नगर निगम 48 शहरों की लिस्ट में 44वें स्थान पर था. यानि राजधानी की पहचान एक तरह से गंदे शहर में होती रही है. हालांकि निगम ने कहा है कि इस बार ऐसा नहीं होगा. निगम की जनसंपर्क अधिकारी हर्षिता के मुताबिक घर-घर से कचरा उठाया जा रहा है. स्थिति पहले से बेहतर हुई है.


गंदगी फैलाने के लिए शहर के लोग भी जिम्मेदार 
बता दें कि पटना की इस बदतर स्थति के लिए यहां के लोग भी जिम्मेदार हैं. क्योंकि सफाई की शुरुआत घर से होती है. निगम की तरफ से रोजाना घर से कचरा जरूर उठाया जा रहा है. लेकिन सिर्फ इससे ही काम नहीं चलेगा. शहर को स्वच्छ रखने में लोगों की भी सहभागिता होनी चाहिए.