Patna: बिहार सरकार ने ईंट भट्ठों पर फिलहाल प्रतिबंध लगाने के फैसले पर रोक लगा दी है. राज्य सरकार पर  केंद्र से तथा पर्यावरण संरक्षकों और संस्थाओं  से दबाव बनाया जा रहा था. 


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ऐश ईंटों को मिलेगा प्रोत्साहन


केंद्र सरकार ने अपने सुझाव में कहा था कि बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए लाल ईंटों के उत्पादन बंद को करना होगा. हालांकि राज्य सरकार ने लाल ईंटों के व्यवसाय से जुड़े करीब 3 लाख लोगों के रोजगार को देखते हुए इस पर रोक नहीं लगाई थी. इस दौरान बिहार सरकार ने अपने बयान में कहा था कि वो णबद्ध तरीके से ऐश ईंटों को बढ़ावा देंगे, ताकि लाल ईंटों के उत्पादन में कमी आए. 


सफेद ईंटों से होगा फायदा


राज्य सरकार ने अपने बयान में कहा है कि सफेद ईंटों के प्रयोग से सबका फायदा होगा. ये लाल ईंटों से बेहतर विकल्प है. लोगों को भी सफेद ईंटों के प्रयोग से फायदा होगा.


  • ऐश ईंट के निर्माण में कम लागत आएगी.

  •  पर्यावरण का बहुत कम नुकसान होगा. 

  • एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने में कम खर्च आएगी. 

  •  लाल ईंटों के अनुपात में ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा

  • घर बनाने की लागत 30 प्रतिशत तक कम होगी.

  •  मजबूती भी उतनी ही मिलेगी.

  •  घर की फिनिशिंग लाल ईंटों की अपेक्षा बेहतर होगी. 


क्या है सरकार की योजना


पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री नीरज कुमार बबलू ने बताया कि सफेद ईंटों के निर्माताओं को फ्री में फ्लाई ऐश (raw material) मुहैया कराया जाएगा. इसके आलवा कोई भी बिना किसी लाइसेंस के सफेद ईंटों की फैक्ट्री खोल सकता हैं. कुमार बबलू ने कहा कि केंद्र सरकार ने प्रदूषण के मद्देनजर लाल ईंटों के निर्माण पर रोक की बात कही है, लेकिन ये अचानक नहीं हो सकता. राज्य में अभी 700 ही फ्लाई ऐश की फैक्ट्री है, ऐसे में मांग के अचानक बढ़ने से स्थिति अनियंत्रित हो जाएगी.  


गौरतलब है कि बढ़ते प्रदूषण और उपजाऊ भूमि का ईंट के रूप में रूपांतरित होने से पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और कृषि उत्पादन पर भी यह नकारात्मक प्रभाव छोड़ता है. जिससे बचने के लिए सरकार द्वारा यह लगातार पहल की जा रही है कि मिट्टी से बनने वाले लाल ईंटों के उत्पादन पर रोक लगाईं जाए.