Katihar: बिहार के कटिहार से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां गरीब बच्चों को निःशुल्क दी जाने वाली लाखों की सरकारी किताबों को दीमक ने खा लिया. घटना राजकीय बुनियादी विद्यालय (Rajkiye Buniyadi Vidyalaya) की है.


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जानकारी के अनुसार, राजकीय बुनियादी विद्यालय कोढ़ा प्रखंड क्षेत्र के दो बंद कमरों में रखी किताबों में दीमक लगने से हजारों पुस्तक बर्बाद हो गई हैं. ऐसे में हर किसी की जुबां पर एक ही बात है कि अगर ये किताबें बंद कमरों की जगह स्कूल के बच्चों के हाथो में दी जाती तो गरीब बच्चों का भविष्य संवर सकता था. लोगों का पूछना है कि आखिर ये किताबें गरीब स्कूली बच्चों को क्यों नहीं दी गईं? क्यों बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया? इतनी बड़ी लापरवाही का कसूरवार कौन है?


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इस बाबत स्थानीय प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सीमा कुमारी ने उन्हें उर्दू कि किताबें बताकर सिलेबस से बाहर और बहुत पुरानी किताबें होने की बता कही है. वहीं, विद्यालय के प्राचार्य उमेश कुमार ने इन किताबों को पूर्व प्राचार्य द्वारा रखी हुई किताबें बताकर अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश की है. 


इधर, अनुश्रवण समिति की बैठक में शामिल हुए कटिहार प्रभारी मंत्री प्रमोद कुमार को जब इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने दीमक लगी किताब का ठिकरा लॉकडाउन पर फोड दिया. उन्होंने कहा, 'लॉकडाउन के कारण विद्यालय ही बंद था तो स्वभाविक है कि क्षति हुई ही होगी.' हालांकि, लॉकडाउन के दौरान भी स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति लगातार रखी गई थी. 


(इनपुट- राजीव रंजन)