चंपा किन्नर ने तेजस्वी को बताया घमंडी, कहा-दिल के टुकड़े-टुकड़े कर मुस्कुरा के चल दिए
जैसे ही तेजस्वी यादव का काफिला होटल से निकला, किन्नर ने उसे रोक दिया. किन्नर तेजस्वी यादव की गाड़ी के सामने खड़ी हो गई और उनसे मिलने की जिद करने लगी लेकिन RJD के कार्यकर्ताओं ने उन्हें धक्के मार अलग कर दिया.
Darbhanga: बिहार में एक किन्नर बड़ी उम्मीद से अपनी मजबूरी और समस्या को लेकर कुशेश्वरस्थान विधानसभा के विरौल गांव से चलकर दरभंगा के सोनकी तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) से मिलने पहुंची थी. इस दौरान जैसे ही तेजस्वी यादव का काफिला होटल से निकला, किन्नर ने उसे रोक दिया. किन्नर तेजस्वी यादव की गाड़ी के सामने खड़ी हो गई और उनसे मिलने की जिद करने लगी लेकिन RJD के कार्यकर्ताओं ने उन्हें धक्के मार अलग कर दिया.
चंपा किन्नर ने तेजस्वी को बताया घमंडी
किन्नर के साथ जब यह सब हो रहा था तब तेजस्वी यादव अपनी गाड़ी में बैठे हुए मंद-मंद मुस्कुरा रहे थे. उन्होंने किन्नर से मिलने की जरूरत भी नहीं समझी. इससे निराश चंपा किन्नर ने तेजस्वी को घमंडी बताया और कहा कि वे दिल के टुकड़े-टुकड़े करके चल दिए.
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तेजस्वी ने चंपा को किया मायूस
मीडिया से बात करते हुए चंपा किन्नर ने अपना दुख जाहिर किया. चंपा ने बताया कि वे लोग मांग कर अपना भरण पोषण करते हैं. ऐसे में वे अपनी समस्या तेजस्वी यादव के पास रखने आए थे, उनको आशीर्वाद देने आए थे. लेकिन उनसे न मुलाकात हुई और ना ही कोई बात हुई. चंपा ने कहा कि तेजस्वी यादव पिछली बार हार गए थे, इस बार उनसे मिलकर वह उनके मंत्री बनने की दुआ लेकर आईं थी.
कार्यकर्ताओं ने दो सौ रुपए दी बख्शीश
चंपा ने यह भी बताया कि तेजस्वी ने उनसे मुलाकात नहीं की उल्टा RJD के कार्यकर्ताओं ने चंपा को 2 सौ रुपए बख्शीश थमा कर गाड़ी के सामने से हटा दिया. इसपर चंपा ने कहा, '2 सौ रुपए में कुत्ते-बिल्ली का भी पेट नहीं भरता है. तेजस्वी यादव बहुत घमंडी हैं. उन्होंने 2 सौ रुपए दिलवाकर ठीक नहीं किया. पिछली बार तेजस्वी हार गए थे, मैं तेजस्वी के परिवार के लोगों और उनके लिए दुआ लेकर आई थी लेकिन तेजस्वी की बेरूखी ने दिल के टुकड़े-टुकड़े कर दिए.'
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किन्नरों की समस्या लेकर आई थी चंपा
चंपा ने बताया कि कोरोना (Corona) की वजह से किन्नरों की हालत बहुत खराब है. दरभंगा-बिरौल ट्रेन बंद होने की वजह से उनकी कमाई मारी गई है. कोरोना ने किन्नर समुदाय की कमर तोड़ दी है. उसने कहा कि वह तेजस्वी यादव से मिलकर किन्नरों की भलाई के लिए कुछ करने की उम्मीद लेकर आई थी. सरकार की ओर से किन्नरों के घर-मकान बने और उनके रोजगार के लिए कुछ किया जाए. चंपा को उम्मीद थी कि तेजस्वी उसकी समस्याओं को सुनेंगे और उसका समाधान करेंगे लेकिन तेजस्वी के रवैये ने चंपा को निराश कर दिया.
(इनपुट- मुकेश)