कोरोना से बचाव में सबसे कारगर है वैक्सीनेशन, बिहार ने इस मामले में किया है बेहतरीन प्रदर्शन
कोरोना से बचाव का सबसे कारगर उपाय है वैक्सीनेशन, यानि वैक्सीन की दोनों डोज आपको कोरोना से बचाने का सबसे कारगर तरीका है.
पटना: कोरोना से बचाव का सबसे कारगर उपाय है वैक्सीनेशन, यानि वैक्सीन की दोनों डोज आपको कोरोना से बचाने का सबसे कारगर तरीका है. हालांकि इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि कोरोना की दोनों डोज वैक्सीनेशन प्राप्त लोग भी कोरोना की चपेट में आ रहे हैं लेकिन उनके हार्ड इम्यूनिटी कोरोना को बिना किसी परेशानी के मात देने में कामयाब है. ऐसे में लगातार सरकार की तरफ से अपील की जा रही है कि कोरोना की दोनों डोज लोग जरूर लें.
कोरोना वैक्सीनेशन के मामले में बिहार ने किया है बेहतरीन प्रदर्शन
बिहार ने कोरोना वैक्सीनेशन के मामले में बेहतरीन प्रदर्शन किया है और राजधानी पटना ने तो इसमें रिकॉर्ड कायम किया है. भारत सरकार ने पिछले महीने 15-18 साल तक के युवाओं के लिए वैक्सीनेशन कार्यक्रम शुरू किया, लेकिन अभी शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग दोनों के सामने सबसे बड़ी चुनौती 15 से 18 साल तक के छात्रों के लिए वैक्सीनेशन की है. क्योंकि बिहार में 1 फरवरी से 14 फरवरी तक इंटर जबकि 17 से लेकर 24 फरवरी तक मैट्रिक की परीक्षा होनी है लिहाजा 15-18 साल के आयुवर्ग के लोगों के लिए वैक्सीनेशन जरूरी हो गया है.
बिहार में कोरोना की तीसरी लहर की वजह से बंद हैं शिक्षण संस्थान
बिहार में अभी सरकारी स्कूलों, शिक्षण संस्थानों को बंद कर दिया गया है लिहाजा इन आयु वर्ग के लोगों के लिए पूर्ण टीकाकरण एक बड़ी चुनौती है. आंकड़े बताते हैं कि स्वास्थ्य विभाग ने दोनों परीक्षाओं को देखते हुए 83.46 लाख युवाओं के टीकाकरण का लक्ष्य रखा था. इसे 26 जनवरी तक पूरा किया जाना था लेकिन स्कूल बंदी ने इस लक्ष्य को पूरा नहीं होने दिया. अब विभाग ने टीकाकरण के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों की मदद का फैसला किया है. यानि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता 15-18 साल के बच्चों को टीका लगवाएंगे. आंगनबाड़ी सेविकाएं घर-घर तक टीकाकरण के लिए पहुंचेंगी. बिहार में कोरोना संक्रमण की वजह से सभी शैक्षणिक संस्थान 6 फरवरी तक बंद हैं. ऐसे में सरकार और इन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के ऊपर कोरोना वैक्सीनेशन ड्राइव को तेजी से चलाने की जिम्मेदारी है.