पटनाः Vaibhav Lakshmi Vrat Katha:देवी लक्ष्मी का एक स्वरूप वैभव लक्ष्मी के नाम पूजा जाता है. माता लक्ष्मी का ये स्वरूप वैभव संपन्न बनाने वाला माना जाता है. इनसे संबंधित व्रत शुक्रवार के दिन रखा जाता है, जिसे महावैभव लक्ष्मी व्रत के नाम से जाना जाता है. इस व्रत को स्त्री अथवा पुरुष कोई भी अनुष्ठान कर सकता है. माता वैभव लक्ष्मी का व्रत अति शीघ्र फल देने वाला है. इस व्रत में माता की पूजा श्वेत पुष्प, श्वेत चंदन, अक्षत और खीर से विशेष रूप से की जाती है. 


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जानिए क्या है वैभव लक्ष्मी व्रत का महत्व 
जीवन में धन, धान्य, सुख, संपत्ति, संतान, शत्रुओं पर विजय, यश, कीर्ति आदि सभी को चाहिए होती है. इन सभी सुखों को देने वाली मां लक्ष्मी ही हैं. यह व्रत जीवन में वैभव लेकर आता है. लक्ष्मी माता भगवान महा विष्णु की अर्धांगिनी हैं, जो इस जगत का पालन-पोषण करते हैं इसलिए इस व्रत के प्रभाव से माता लक्ष्मी के साथ साथ विष्णु जी की कृपा भी प्राप्त होती है. इसलिए उनकी पूजा भी करनी चाहिए. इस दिन विशेष रूप से खीर खाने का महत्व माना जाता है.  


वैभव लक्ष्मी व्रत की पूजन विधि 
1इस दिन की पूजा में मां लक्ष्मी की ऐसी तस्वीर लें जिससे मां लक्ष्मी के हाथ से धन गिर रहा हो. इसके अलावा यदि आपको पैसे से संबंधित समस्याएं है या फिर आपके पास पैसे बचते नहीं है तो इस दिन मां लक्ष्मी की ऐसी तस्वीर का इस्तेमाल करें जिसमें मां लक्ष्मी खड़ी हों और उनके हाथ से धन गिर रहा हो. 


शुक्रवार को करें पूजा
पूजा प्रारंभ करें और मां के समक्ष दीपक जलाएं. दीपक शुद्ध घी का ही जलाएं. इसके बाद पूजा में मां लक्ष्मी को इत्र और सुहाग का सामान अर्पित करें. यदि आपकी किन्हीं भी कारणवश मां लक्ष्मी की हर रोज पूजा नहीं कर पा रहे हैं तो कम से कम शुक्रवार के दिन तो मां लक्ष्मी की व्रत कथा और पाठ अवश्य करें. 


कन्याओं को कराएं भोजन
इसके बाद व्रत के उद्यापन के लिए अपनी अपनी यथा शक्ति के अनुसार सात, 11 या फिर 21 कुंवारी कन्याओं को घर बुलाकर सम्मान सहित भोजन कराएं. इसके अलावा उन कन्याओं को व्रत की पुस्तक के साथ श्रृंगार के सामान भेंट करें. मां लक्ष्मी को खीर बेहद प्रिय है. ऐसे में उद्यापन के दिन भी और हर व्रत के दिन भी मां लक्ष्मी को शुद्ध खीर का भोग लगाना ना भूलें. ऐसा करने से आपकी मनोकामना शीघ्र ही और अवश्य पूरी होगी.


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