रांची: झारखंड में बीजेपी विधानसभा चुनाव में मिले नतीजों से कब तक उबरेगी ये सवाल कायम है. अब तक न तो विधायक दल की बैठक बुलाई गई है और न ही अभी तय हो पाया है कि विधायक दल की बैठक कब होगी. 


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विधायक दल की कमान किसे मिलेगी इसको लेकर नवनिर्वाचित विधायकों और पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच भी चर्चा जोरों पर हो रही है. झारखंड में 28 विधानसभा की सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित है, उनमें से 26 पर हार का सामना करना पड़ा है.


ये सवाल इसलिए भी अहम हो जाता है क्योंकि जो भी विधायक दल के नेता होंगे, उनके ही कंधो पर नेता प्रतिपक्ष की भूमिका होगी. सियासी गलियारों में चर्चा है कि बीजेपी किसी ट्राईबल चेहरे को ही विधायक दल का नेता चुनेगी, पर ट्राईबल चेहरे में बीजेपी के पास ज्यादा विकल्प नहीं है.


28 ट्राईबल सीट में से बीजेपी को 26 सीट पर हार मिली है. नीलकण्ठ मुंडा और कोचे मुंडा ही ट्राईबल विधायक के तौर पर चुने गए हैं. झारखंड बीजेपी के प्रभारी, संगठन मंत्री से लेकर कार्यकारी सीएम रघुवर दास दिल्ली में हैं. 


पहले दिल्ली से ही झारखंड में मिली हार के कारण को बीजेपी तलाशना चाहती है. हालांकि अब तक बीजेपी विधायक दल का नेता नहीं चुने जाने पर झारखंड कांग्रेस के नेता चुटकी लेने से नहीं चूक रहे हैं.


विधानसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद से सूबे के समीकरण को देखते हुए बीजेपी हर अगला कदम फूंक- फूंक कर रखना चाहती है. फिलहाल बीजेपी को हार से उबरने में वक्त लगेगा क्योंकि झारखंड में बीजेपी को इस तरह के प्रदर्शन की दूर-दूर तक उम्मीद नहीं थी.