Lateral Entry Row: देश में इन दिनों लेटरल एंट्री की खूब चर्चा हो रही है. इसका विवाद बहुत गहरा गया है. इस बीच केंद्र सरकार ने लेटरल से निकाली गई भर्तियों को रद्द कर दिया है. इस बीच बॉलीवुड एक्टर मनोज बाजपेयी की चर्चा होने लगी. इसकी वजह बना, उनके भाई सुजीत कुमार बाजपेयी का लेटरल एंट्री के जरिए बड़ा अधिकरी बनना. आइए पूरा मामला जानने की कोशिश करते हैं.


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दरअसल, मनोज बाजपेयी के भाई डॉ. सुजीत कुमार बाजपेयी अभी पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MOEF&CC) में जॉइंट सेक्रेटरी के पद पर काम कर रहे हैं. कई लोग सुजीत बाजपेयी को जॉइंट सेक्रेटरी के रूप में नियुक्ति मिलने पर हैरानी जता रहे हैं. कहा जा रहा है कि सुजीत कुमार बाजपेयी सरकार में इतने बड़े पद के लिए काफी जूनियर हैं. हालांकि, सुजीत एनएचपीसी (NHPC) में सीनियर मैनेजर रहे हैं.


संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission) यानी यूपीएससी ने कई मंत्रालयों में जॉइंट सेक्रेटरी, डिप्टी सेक्रेटरी और डायरेक्टर लेवल के 45 पदों पर नियुक्ति पर 20 अगस्त, 2024 को रोक लगा दिया है. ध्यान रहें कि यूपीएससी (UPSC) ने 7 अगस्त, 2024 को इन पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला था. इसके बाद खूब हंगामा हुआ.


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क्यों हो रहा है विवाद?
बता दें कि लेटरल एंट्री के जरिए कई क्षेत्रों के विशेषज्ञों को सीधे सरकार के बड़े पदों पर नियुक्ति मिलती है. लेटरल के जरिए जब नियुक्ति होती है तो यूपीएससी परीक्षा पास करना अनिवार्य नहीं रह जाता है. साथ ही इसमें आरक्षण भी लागू नहीं होता है. इस वजह से विवाद हो रहा है. विपक्ष कह रहा है कि सरकार आरक्षण को खत्म करने की कोशिश कर रही है.


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