बिहार में कहां है रामायण सर्किट? एक क्लिक में जानिए

हिंदू धर्म के इतिहास और विकास में बिहार एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. बिहार वह पौराणिक भूमि स्थान है, जहां भगवान राम और देवी सीता का जिक्र मिलता है. सनातन परंपरा के विकास में बिहार का महत्वपूर्ण योगदान है.

Thu, 30 May 2024-6:02 pm,
1/7

हिंदू धर्म के इतिहास और विकास में बिहार एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. बिहार वह पौराणिक भूमि स्थान है, जहां भगवान राम और देवी सीता का जिक्र मिलता है.

 

2/7

सनातन परंपरा के विकास में बिहार का महत्वपूर्ण योगदान है. बिहार वह पौराणिक धरा है, जहां मर्यादा पुरुषोत्तम राम और सीता की कहानियों का जिक्र मिलता है.

 

3/7

वाल्मीकि रचित रामायण में बिहार की धरा का जिक्र मिलता है. भगवान राम और सीता की कथाओं का जिक्र करने वाले कई मंदिर इस सर्किट में हैं.

 

4/7

बिहार के बक्सर, सीतामढ़ी, दरभंगा इस प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं. दरभंगा जिला सदर अनुमंडल के अंतर्गत अहियारी गांव में अहिल्या स्थान है.

5/7

अहिल्या स्थान सीता की जन्मस्थली सीतामढ़ी से 40 किलोमीटर पूर्व में स्थित है. कमतौल रेलवे स्टेशन से उतरकर यहां पहुंचा जा सकता है.

 

6/7

पौराणिक कथा के अनुसार, गौतम ऋषि के श्राप से पत्थर बनी अहिल्या का उद्धार राम जी ने किया था. माना जाता है कि राम के स्पर्श से पत्थर बनी अहिल्या में जान आ गई थी.

7/7

जनकपुरी मिथिलापुरी का नाम है, जिसका जिक्र वाल्मिकी रामायण में मिलता है. अब भाग नेपाल का हिस्सा बन गया है. साल 1816 की भारत-नेपाल संधि के बाद जनकपुर नेपाल का हिस्सा बन गया है.

ZEENEWS TRENDING STORIES

By continuing to use the site, you agree to the use of cookies. You can find out more by Tapping this link