पटना: 23 मई के बाद लोकसभा के परिणाम आने के बाद दोस्त और दुश्मन का फर्क करना बिहार के लिए मुसीबत का विषय बनता जा रहा है. क्योंकि परिणाम से एनडीए खेमे में खुशी को समझा जा सकता था लेकिन नीतीश कुमार ने एक बार फिर मंत्रीमंडल विस्तार में बीजेपी को जगह नहीं देकर झटका दिया है.


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इसके बाद से ही दोनों पार्टियों में नुरा कुश्ती शुरु हो गई है. आरएसएस पर पत्र से लेकर भी दोनों पार्टियों के बीच काफी कुछ हो गया. लेकिन बार-बार बीजेपी पर तीखे हमले करने वाले नीतीश कुमार ने बड़ा झटका पटना से कोशों दूर दरभंगा में दिया जब वो अपने और बीजेपी के धूर विरोधी अब्दुल बारी सिद्दीकी के घर गए.


फिर क्या था हर तरफ राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है. सबसे बड़ी बात है कि अब आरजेडी के बाद कांग्रेस भी बहुत नरम नजर आ रही है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने भी नीतीश कुमार की कार्यशैली की तारीफ की है. 


वहीं, अधिकारियों द्वारा सीएम के लिए रेड कार्पेट बिछाने पर अधिकारियों पर तंज कसते हुए मदन मोहन झा ने कहा कि मुख्यमंत्री के आवाभगत मे लगना ठीक है लेकिन पहले प्राथमिकता को समझना भी जरुरी है. मुख्यमंत्री ने ऐसा आदेश बिल्कुल नहीं दिया होगा. अब्दुल बारी सिद्दीकी नीतीश की मुलाकात का भी उन्होंने बचाव किया और कहा कि नीतीश कुमार दरभंगा जाने के क्रम में उनके घर गए.  हम बाढ़ पर कोइ सियासत नही करना चाहते ना करते हैं. ये कोइ राजनैतिक नहीं बल्कि व्यक्तिगत मुलाकात है.