Bihar News: देश में बांग्लादेशी घुसपैठ की समस्या काफी बढ़ चुकी है. इसे देखते हुए मोदी सरकार एनआरसी कानून लेकर आई थी, जिसका विपक्ष ने काफी विरोध किया था. हालांकि, यह कानून कितना जरूरी है, इसका एक उदाहरण बिहार के गया जिले से सामने आया है. यहां एक बांग्लादेशी नागरिक पिछले 8 सालों से बौद्ध भिक्षु बनकर रह रहा था. वह थाइलैंड भागने की प्लानिंग कर रहा था. उससे पहले ही उसकी पोल खुल गई. बताया जा रहा है कि इमीग्रेशन काउंटर पर पासपोर्ट चेकिंग के दौरान उसकी पोल खुल गई, जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने उसे गिरफ्तार कर लिया.


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बताया जा रहा है कि उसके वीजा और पासपोर्ट में गड़बड़ी पाई गई. शक होने पर सुरक्षाकर्मियों ने उसे हिरासत में लिया. जांच में सामने आया कि वह बांग्लादेश का नागरिक है और पहचान बदलकर बोधगया में रह रहा था. जिसके बाद एयरपोर्ट पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने उसे जिला पुलिस के हवाले कर दिया. गिरफ्तार बांग्लादेशी नागरिक ने सुरक्षाकर्मियों को अपना नाम राजीव धर बताया. उसने बताया कि बौद्ध भिक्षु के वेश में वह 8 सालों से बोधगया में रह रहा था. उसने कहा कि 8 साल पहले वह भारत आया था और फिर वापस नहीं गया. उसके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर नोटिस जारी किया गया था. जिससे बचने के लिए उसने अपनी पहचान बदल ली थी.


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गिरफ्तार बांग्लादेशी नागरिक की जब तलाशी ली गई तो उसके पास से 2 भारतीय आधार कार्ड, पासपोर्ट, पेन कार्ड के साथ 1560 थाई मुद्रा, 1 मोबाइल, 411 यूसएस डॉलर, 5 यूरो, 3800 भारतीय रुपये बरामद किए गए. शुरुआत में वह बांग्लादेशी पासपोर्ट पर भारत आया था, जिसमें उसका नाम बाबू जॉय बरूआ, पिता परितोष बरूआ दर्ज है. एसएसपी आशीष भारती ने बताया कि अवैध रूप से रह रहे एक बांग्लादेशी नागरिक को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस उससे सभी पहलुओं पर पूछताछ कर मामले की जांच कर रही है.


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