Bihar Health System: बेगूसराय के सदर अस्पताल ने एक बार फिर से स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी है. सदर अस्पताल के डॉक्टरों पर आरोप है कि उन्होंने एक शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं दिया. जिसके कारण परिजनों को ठेले पर रखकर डेडबॉडी ले जानी पड़ी. जानकारी के मुताबिक, नगर निगम क्षेत्र के वार्ड नंबर 31 के निवासी राजा कुमार की सोमवार (21 अगस्त) को इलाज के दौरान मौत हो गई थी. मृतक के परिजनों ने काफी हंगामा काटा लेकिन फिर भी शव ले जाने के लिए अस्पताल प्रबंधन की ओर से परिजनों को शव वाहन नहीं उपलब्ध कराया गया. जिसके कारण परिजन शव को ठेले पर ले जाने को मजबूर हुए. वहीं अब इस मामले में सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार ने बड़ा ही बेतुका बयान दिया है. 


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अस्पताल में मरीज की मौत को लेकर सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार ने कहा कि मरीज अस्पताल में नहीं मरेंगे, तो कहां मरेंगे. हालांकि, अस्पताल द्वारा शव के लिए एंबुलेंस या शव वाहन नहीं देने पर सिविल सर्जन ने जांच बिठा दी है. उन्होंने कहा कि बेगूसराय सदर अस्पताल में एंबुलेंस एवं शव वाहन की कोई कमी नहीं है. कभी-कभी ऐसी परिस्थिति आ जाती है कि किसी शव को लेकर शव वाहन चला जाता है तो परिजनों को थोड़ी देर इंतजार करना पड़ सकता है. इस दौरान उन्होंने मीडियाकर्मियों पर भी आरोप लगाते हुए कहा है कि कुछ लोग कुछ पैसे की वजह से अनाप-शनाप खबर चलाते है. 


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बता दें कि बीती रात बेगूसराय नगर निगम क्षेत्र के वार्ड 31 निवासी राजा कुमार की इलाज के क्रम में मौत हो गई थी. जिसके बाद राजा कुमार के शव को शव वाहन नहीं मिल सका और परिजनों के द्वारा ठेले पर ही शव को ले जाया गया. वहीं उक्त मामले में परिजनों का आरोप है कि मरीज राजा कुमार अपने पैरों पर चलकर अस्पताल आया था और जहां इलाज में लापरवाही के बाद उसकी स्थिति बिगड़ने लगी और देर रात उसकी मौत हो गई थी. इस घटना पर सिविल सर्जन प्रमोद कुमार सिंह ने जो बयान दिया है वह कहीं ना कहीं स्वास्थ्य महकमे को एक बार फिर कटघरे में खड़ा कर रहा है.


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बता दें कि स्वास्थ्य विभाग अभी वर्तमान समय में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के अधीन है और तेजस्वी यादव के द्वारा व्यवस्था में सुधार के लगातार दावे भी किए जा रहे हैं. लेकिन तस्वीरें बताने के लिए काफी है कि बेगूसराय में स्वास्थ्य विभाग ठेले पर सफर करने को बाध्य है. वह इस मामले में सिविल सर्जन डॉक्टर प्रमोद कुमार ने कहा कि सदर अस्पताल में एंबुलेंस पर्याप्त है. परिजनों के द्वारा जो आरोप लगाया वह कहीं ना कहीं गलत है. परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन से एंबुलेंस नहीं मांगा गया.