Bihar Year Ender 2024: बिहार में 2024 में डिजिटल अरेस्ट के 301 मामले दर्ज किए गए जिनमें पीडितों से 10 करोड़ रुपये की ठगी की गई. डिजिटल अरेस्ट साइबर ठगी का नया तरीका है. ऐसे मामलों में ठग खुद को कानून प्रवर्तन अधिकारी बताकर लोगों को ऑडियो या वीडियो कॉल करके डराते हैं और उन्हें उनके घर में डिजिटल तौर पर बंधक बना लेते हैं. 


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डिजिटल अरेस्ट के कुल 301 मामले दर्ज
बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू, साइबर सेल) के उपमहानिरीक्षक (DIG) मानवजीत सिंह ढिल्लों ने कहा कि राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर पर इस साल बिहार से संबंधित डिजिटल अरेस्ट के कुल 301 मामले दर्ज किए गए हैं. इन मामलों में 10 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की बात सामने आई है.


पीड़ितों को कॉल दक्षिण पूर्व एशियाई देशों से आए
उन्होंने बताया कि शिकायतें दर्ज होने के बाद साइबर प्रकोष्ठ के अधिकारियों ने 1.5 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जब्त कर ली है. डीआईजी ने कहा कि संबंधित अधिकारियों और आंकड़ों विश्लेषण से पता चला है कि अधिकांश धोखाधड़ी में पीड़ितों को कॉल दक्षिण पूर्व एशियाई देशों जैसे कंबोडिया, म्यांमा, थाईलैंड, वियतनाम और लाओस से आए. हम बिहार के लगभग 374 लोगों का विवरण भी जुटा रहे हैं जो दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में गए, लेकिन अपने वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी वहीं रह रहे हैं.


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ये लोग राज्य के युवाओं को फंसा रहे
उन्होंने दावा किया कि ऐसी सूचनाएं हैं कि ये लोग राज्य के युवाओं को फंसा रहे हैं. डीआईजी ने कहा कि बिहार पुलिस के ईओयू की साइबर प्रकोष्ठ इकाई ने युवाओं को दक्षिण पूर्व एशिया में नौकरी के नाम पर जालसाजी के बढ़ते मामलों को लेकर चेतावनी दी है और नौकरी के प्रस्ताव तथा एजेंटों का सत्यापन करने का आग्रह किया है. 


इनपुट: भाषा


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