Bihar Crime News: 9 साल की जेल में सजा काट चुके माओवादी नेता 2017 में जेल से आजाद हुए थे. उन्हें गुरुवार 10 अगस्त को बिहार पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स ने एक बार फिर से गिरफ्तार कर लिया है. बता दें कि प्रमोद मिश्रा के साथ अनिल यादव को भी गिरफ्तार किया गया है. प्रमोद मिश्रा माओवादी पोलित ब्यूरो के सदस्य होने के साथ संगठन के विचारक और प्रचारक भी हैं. 


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गया के लुटुआ गांव से पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया है. गया के एसएसपी ने इस गिरफ्तारी की पुष्टि की है. पुलिस के साथ ही अन्य जांच एजेंसियां दोनों से पूछताछ कर रही हैं. बता दें कि प्रमोद मिश्रा को पुलिस ने तब गिरफ्तार किया जब वह अपने एक रिश्तेदार से मिलने आए थे. गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. 


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प्रमोद मिश्रा डुमरिया में हुए 14 नवंबर 2021 के नरसंहार का मुख्य आरोपी है. इस हत्याकांड में एक ही परिवार के चार लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई थी. इसके बाद सबके शवों को पेंड़ से लटका दिया गया था. साथ ही माओवादियों ने उनके घर को भी बम से उड़ा दिया था. 


बता दें कि यह पूरा हत्याकांड बदले की कार्रवाई में की गई थी. क्योंकि 4 माओवादियों को जहर देकर मार दिया गया था जिसे पुलिस ने मुठेड़ में मार गिराने का दावा किया था. बता दें कि प्रमोद मिश्रा बिहार के औरंगाबाद जिले के कसमा गांव के रहनेवाले थे. जो 90 के दशक में माओवादी संगठन के साथ जुड़ गए थे. उनका नाम केवल राज्यों की पुलिस लिस्ट में ही नहीं अमेरिका की कंट्री रिपोर्ट में भी शामिल था. 2008 में भी प्रमोद मिश्रा की गिरफ्तारी हुई थी और तब 2017 में सबूतों के अभाव में वह रिहा हो गए थे. इन पर करोड़ों का इनाम रखा गया था. बता दें कि प्रमोद मिश्रा जेल से रिहा होने के बाद रहस्यमयी तरीके से गायब हो गए थे और फिर से इस उग्रवादी संगठन के काम को चला रहे थे.