Jamui News: बिहार के जमुई जिले में सरकारी स्कूलों में बच्चों का खाना यानी मिड-डे मील में कथित तौर पर बड़ा घोटाला सामने आया है. शिक्षा विभाग ने कई विद्यालयों में मिड-डे मील के हिसाब-किताब में बड़ी गड़बड़ी पायी है, जिसके बाद उक्त विद्यालयों के हेडमास्टर साहब का वेतन रोक दिया गया है. इतना ही नहीं गड़बड़ी करने वाले प्रधानाध्यापकों से लगभग 10 लाख रुपये की वसूली का आदेश जारी किया है. जानकारी के मुताबिक, दोषी प्रधानाध्यापकों के वेतन से हर महीने 10 हजार रुपये काटे जाएंगे. शिक्षा विभाग की इस कार्रवाई से शिक्षकों में हड़कंप मच गया है.


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स्कूलों में मिड डे मील योजना में गड़बड़ी की बात को जमुई के जिला शिक्षा पदाधिकारी राजेश कुमार ने स्वीकार किया है. उन्होंने दोषी अध्यापकों पर हुई कार्रवाई की पुष्टि भी की है. उन्होंने बताया कि कई स्कूलों में मिड डे मील योजना में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं पाई गई हैं. जांच में पाया गया कि उक्त प्रधानाध्यापकों ने योजना की राशि का दुरुपयोग किया है. उन्होंने बताया कि विभाग ने इन सभी दोषी प्रधानाध्यापकों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा था, लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर अब वसूली का आदेश जारी किया गया है.


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जिले के कई स्कूलों में मिड डे मील योजना में बड़े लेवल घपला होने पर अब शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों के मिड-डे मील संचालन की गहन समीक्षा करने का फैसला लिया है.  विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि इस तरह की गड़बड़ी भविष्य में बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इससे पहले सरकार ने फैसला लिया था कि सरकारी प्रारंभिक विद्यालयों में बच्चों को अब पका-पकाया भोजन उपलब्ध कराया जाएगा. इसमें रसोइये को व्यवस्थापक बनने का मौका दिया जाएगा. अगर रसोइया स्नातक पास हैं तो उन्हें मौका दिया जाएगा. वहीं सहायक की योग्यता मैट्रिक अथवा इंरमीडिएट होनी चाहिए.


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