Naxal Attack: भाकपा माओवादी नक्सलियों ने बंद के दौरान चक्रधरपुर रेल मंडल को टारगेट किया है. नक्सलियों ने चक्रधरपुर रेल मंडल के हावड़ा-मुंबई मुख्य रेलमार्ग में पटरी पर बम लगाकर ट्रेन उड़ाने की बड़ी साजिश रची थी, लेकिन इसकी सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचे सुरक्षाबल के जवानों की कार्रवाई से नक्सलियों की बड़ी साजिश नाकाम हो गई.


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घटना बीती रात 2 बजे की बताई जा रही है. मनोहरपुर-जराइकेला के थर्ड रेल लाइन के पोल संख्या 378/35 ए और 378/31 ए-35 ए की है. यहां बीती रात भाकपा माओवादी नक्सलियों ने पटरी पर बैनर लगा दिया. इसके बाद पटरी के फिश प्लेट को भी उखाड़ दिया. नक्सली पटरी पर बम लगाने की कोशिश कर ही रहे थे. इसकी सूचना पाकर मौके पर सुरक्षाबल के जवान पहुंच गए. जिसके बाद नक्सली घटना स्थल से भाग खड़े हुए. इस घटना की सूचना जब रेल मंडल मुख्यालय के वरीय पदाधिकारियों को दी गयी तो ट्रेनों का परिचालन रात दो बजे रोक कर दिया गया.


भाकपा माओवादी नक्सलियों द्वारा रेलवे ट्रैक पर बैनर लगाए जाने के बाद जराइकेला में ट्रेन संख्या 18190 एर्नाकुलम-टाटानगर एक्सप्रेस, गोईलकेरा में ट्रेन संख्या 22906 ओखा-शालीमार सुरफास्ट एक्सप्रेस, सोनुआ में ट्रेन संख्या 12810 हावड़ा-मुंबई मेल और चक्रधरपुर में ट्रेन संख्या 12130 हावड़ा-पुणे आजाद हिंद एक्सप्रेस को रोक दिया गया था.


इसके बाद सुरक्षाबल के जवानों ने बम निरोधक दस्ता, मेटल डिटेक्टर और खोजी कुत्ते की मदद से पटरियों की जांच की. वहीं उखाड़े गए फिश प्लेट वाले रेल पटरी को भी दुरुस्त कर दिया गया. पटरी की जांच के बाद सुरक्षाबलों ने क्लीयरेंस दिया. जिसके बाद बुधवार सुबह छह बजे ट्रेनों का परिचालन फिर से बहाल हो पाया है. 
इधर, खनन बहुल क्षेत्र के करमपदा रेल सेक्शन में भी नक्सलियों ने इसी तरह बैनर लगाने के बाद बम प्लांट कर रेल पटरी को उड़ाने की साजिश रची थी. जिसके बाद से सेक्शन में ट्रेनों का परिचालन ठप्प कर दिया गया है. 


बता दें कि यहां केवल मालगाड़ियों का परिचालन होता है. मालगाड़ी का परिचालन ठप्प रहने से रेलवे को भरी आर्थिक नुकसान हो रहा है. इधर चक्रधरपुर रेल मंडल के सीनियर डीसीएम आदित्य कुमार चौधरी ने घटना पर कोई भी अधिकारिक जानकारी मीडिया से शेयर करने से बचते रहे.


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देर रात को नक्सली धमक के कारण विभिन्न स्टेशनों में अचानक से ट्रेनों का परिचालन रोक दिए जाने से उसमें सवार यात्री परेशान रहे. उन्हें रेलवे के द्वारा कोई भी सटीक जानकारी नहीं दी जा रही थी. नक्सली बंद के दौरान अचानक सोनुआ, गोईलकेरा और जराईकेला जैसे नक्सल प्रभावित स्टेशनों में ट्रेनों के रुके रहने से यात्री डरे और सहमे रहे.


रिपोर्ट: आनंद प्रियदर्शी