समस्तीपुर: समस्तीपुर रेल मंडल के यात्रियों को जल्द ही बड़ी सौगात मिलने वाली है. समस्तीपुर रेल मंडल से अमृत भारत ट्रेन का परिचालन शुरू होने जा रहा है. अमृत भारत ट्रेन के परिचालन को लेकर तैयारी अब अंतिम चरण में है. अमृत भारत ट्रेन के लिए 22 रैक जयनगर पहुंच चुका है. जयनगर यार्ड में अमृत भारत ट्रेन के 22 कोच का कमिशनिंग का काम शुरू कर दिया गया है. जिसमें 10 कोच का कमीशनिंग का कार्य पूरा भी कर लिया गया है, जबकि अगले तीन दिन में शेष बचे 12 कोच का कमीशनिंग किया जाना है. 


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इधर समस्तीपुर मंडल मुख्यालय के लोको शेड में अमृत भारत के पुशपुल इंजन पहुंच चुका है. अमृत भारत ट्रेन के दोनों इंजन का कमीशनिंग का कार्य भी लोकोशेड में शुरू कर दिया गया है. जानकारों की मानें तो गाजियाबाद से एक्सपर्ट इंजीनियर की टीम के द्वारा समस्तीपुर लोको शेड में इंजन को कमीशनिंग किया जा रहा है. साथ ही इंजन के लोड क्षमता की भी जांच की जा रही है ताकि आधुनिक तरीके से बने पुशपुल इंजन में कोई परेशानी नही आ सके.  


सूत्रों की मानें तो आगामी 24 दिसंबर को दरभंगा से सीतामढ़ी, नरकटियागंज, पनीयहवा, गोरखपुर होते हुए अयोध्या के बीच अमृत भारत ट्रेन के परिचालन का ट्रायल किया जाएगा. इसके बाद 30 दिसंबर से दरभंगा से अयोध्या के बीच अमृत भारत ट्रेन के परिचालन की संभावना है. हालांकि अभी तक आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की गई है.


इस पुशपुल इंजन का मॉडल वंदे भारत से मिलता जुलता है. इसके इंजन और कोच नारंगी रंग का है जो दूर से भी काफी खूबसूरत दिखाई देता है. सामान्य इंजन में कोको टाइप बोगी रहता है, यानी की 6 चक्का का इंजन होता है. जबकि पुश फुल इंजन में को बोबो टाइप बोगी लगाया गया है. जिसमें मात्र चार चक्का ही लगाया गया है. साथ ही इस ट्रेन के पुशपुल इंजन में पेंटो भी हाईरिच का है, जो अधिक ऊपर तक उठना है. साथ ही डबल डेकर लाइन में भी इस इंजन की मदद से आसानी से ट्रेनों का परिचालन कराया जा सकता है. 


इस ट्रेन की स्पीड अधिकतम 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक ले जा सकती है. बताया जाता है कि अमृत भारत ट्रेन में आगे और पीछे एक-एक इंजन रहेगा. जिसके कारण इसे पुश पुल इंजन का नाम दिया गया है. दरभंगा से समस्तीपुर पहुंचने पर इस ट्रेन में इंजन बदलने की समस्या नहीं होगी और ट्रेन कम ही समय में फिर रफ्तार पकड़ते हुए अपने गंतव्य स्टेशन की ओर रवाना होगी. इसके लिए कम से कम 25 मिनट का समय भी बचत होगा.  एक इंजन में खराबी आने के बाद भी ट्रेन का परिचालन बाधित नहीं होगा इसमें लगे दूसरे इंजन की मदद से ट्रेन को गंतव्य स्थान तक पहुंचाया जा सकता है. 


समस्तीपुर रेल मंडल के मंडल रेल प्रबंधक विनय श्रीवास्तव का बताना है कि पुशपुल तकनीक पर आधारित एक रैक आया है. इसमे 22 कोच है. ट्रेन के दोनों ओर आगे पीछे 5000 हॉर्स पावर का इंजन लगे है. कोच और इंजन के कमीशनिंग कार्य पूरा कर लिया गया है. 30 दिसंबर को दरभंगा से ट्रेन खुलने की संभावना है. अभी डेट फाइनल नही किया गया है.