Samastipur Khudneshwar Mandir: सावन का पतित-पावन महीना चल रहा है. हिंदू धर्म में इस महीने का विशेष महत्व होता है. यह देवों के देव महादेव का प्रिय महीना माना जाता है. मान्यता है कि भगवान भोलेनाथ को खुश करने के लिए ये महीना अति उत्तम है. सावन के दूसरे सोमवार के अवसर पर देशभर के शिवालयों में बाबा भोलेनाथ के भक्तों की भीड़ देखने को मिल रही है. दूसरे सोमवार के इस पवित्र अवसर पर हम आपको बिहार के ऐसे शिव मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं. जहां शिवलिंग के साथ मजार की भी पूजा होती है. 


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यह मंदिर बिहार के समस्तीपुर जिले में स्थित है. यहां शिवलिंग के बगल में मुस्लिम महिला खुदनी बीवी की मजार है. खुदनी बीवी के नाम पर ही इस मंदिर को खुदनेश्वर शिव मंदिर कहा जाता है. बताया जाता है कि खुदनी बीवी मुस्लिम होने के बाद भी शिवजी की अनन्य भक्त थीं. वह बचपन से ही इस शिवलिंग की पूजा करती थीं. उन्होंने इच्छा जताई थी कि मरने के बाद उन्हें उनके महादेव के पास दफनाया जाए. उनकी शिवभक्ति के कारण शिवलिंग के साथ-साथ उनकी मजार की भी पूजा की जाती है. 


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कहा जाता है कि ये मंदिर 12वीं शताब्दी का है. उस वक्त यहां पीर बख्श और खैर निशा नाम के गरीब मुस्लिम दंपति रहते थे. उनकी एक बेटी थी, जिसका नाम खुदनी बीवी था. खुदनी प्रतिदिन गाय चराने जाया करती थी. एक दिन एक काली गाय ने दूध देना बंद कर दिया. जिसपर माता-पिता ने खुदनी को फटकार लगाई. इसके बाद खुदनी उस गाय पर नजर रखने लगी तो देखा कि गाय एक स्थान पर अपना सारा दूध गिरा रही है. यह प्रत्येक दिन होने लगा. खुदनी ने ये बात अपने पिता को बताई. उसके पिता ने जब वहां खुदाई की तो खून की धारा बहने लगी. जिसके बाद गांववालों ने काफी पूजा-अर्चना की, जिसपर वह धारा रुकी. 


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उस स्थान से शिवलिंग प्रकट हुआ. इस तरह से मंदिर में स्थापित शिवलिंग खुद प्रकट हुआ था. खुदनी इस घटना से काफी प्रभावित हुई और रोजाना शिवलिंग की पूजा करने लगी. कहा जाता है कि खुदनी बीवी की शिवभक्ति से नाराज होकर दिल्ली के सुल्तान कुतुबुद्दीन ऐबक ने उन्हें बंदी बना लिया था. जिसपर वह बीमार हो गया था. जिसके बाद जब उसने खुदनी बीवी को सम्मान सहित रिहा किया, तब उसकी तबियत सही हुई. इसी तरह का एक शिव मंदिर पंजाब के गुरुदासपुर में स्थापित है. यहां ओंकार नगर में स्थित पंजपीर शिव मंदिर में शिवलिंग के बगल में पंज पीर की मजार है. इस मंदिर के दर्शन करने के लिए बड़ी दूर-दूर से शिवभक्त आते हैं.