Chandrayaan 3 के सफल लैंडिंग में बिहार के इस बेटे का रहा अहम योगदान, जल्द लौटेंगे घर
Chandrayaan 3 Landing: चंद्रयान-3 के चांद पर सफल लैंडिंग के बाद जहां पूरे देश में जश्न का माहौल है. वहीं मधुबनी में भी काफी खुशी देखी जा रही है. मधुबनी के कोतवाली चौक स्थित मोइउद्दीन हसन के परिवार और मुहल्ले में जश्न का माहौल है.
मधुबनी: Chandrayaan 3 Landing: चंद्रयान-3 के चांद पर सफल लैंडिंग के बाद जहां पूरे देश में जश्न का माहौल है. वहीं मधुबनी में भी काफी खुशी देखी जा रही है. मधुबनी के कोतवाली चौक स्थित मोइउद्दीन हसन के परिवार और मुहल्ले में जश्न का माहौल है. दरअसल मोइउद्दीन इसरो में कार्यरत्त है और चंद्रयान तीन की उड़ान में मोइउद्दीन की भी अहम भूमिका रही है. कोतवाली चौक के रहने वाले मो. मुजफ्फर हसन के बेटे मोइनुद्दीन हसन भी इस अभियान में शामिल हैं. उन्होंने प्रक्षेपण यान और उपग्रह के लिए लिक्विड कंट्रोल वॉल्व की डिजाइनिंग की है. यह ईंधन प्राप्त करने से जुड़ी तकनीक है.
बुधवार की संध्या जैसे ही चांद के दक्षिणी छोड़ पर चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक लैंड किया वैसे ही इनके घर और जिले में जश्न मनाया गया. मोइउद्दीन के परिजनों ने कहा कि चंद्रयान तीन के चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग के साथ ही भारत विश्व का पहला देश हो गया है. उनके भाई की माने तो अंतरिक्ष के क्षेत्र में अब भारत विश्व गुरु बन गया है और चंद्रयान तीन अभियान में मो मोइउद्दीन के कार्यों को लेकर परिवार और जिला गौरवान्वित हुआ है. मोइउद्दीन की प्रारम्भिक पढ़ाई लिखाई मधुबनी के वाटसन स्कूल से हुई है.
यहां से मैट्रिक उत्तीर्ण करने के बाद इंजीनियरिंग की पढ़ाई अलीगढ़ मुस्लिम स्कूल से किया. 2008 में विक्रम साराभाई इंस्टीट्यूट बैंगलोर में वैज्ञानिक के रूप में कार्य प्रारंभ किया. इन्होंने चंद्रयान दो और तीन के द्रव नियंत्रण वाल्व का डिजाइन किया. बहरहाल मोइउद्दीन भी दो दिनों में मधुबनी घर पर पहुंचने वाले है. उनसे मिलने के लिए स्थानीय लोगों में काफी उत्सुकता देखी जा रही है. मधुबनी के राजनगर क्षेत्र के भी इसरो में एक कर्मी हैं जिनका योगदान भी चंद्रयान तीन में रहा है.
इनपुट- बिन्दु भूषण ठाकुर
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