समस्तीपुर: दिल्ली के अनाज मंडी में हुए भीषण अग्निकांड में समस्तीपुर के 13 लोगों की जलकर मौत हो गई थी. इस घटना के 3 दिन बाद सभी शव को एंबुलेंस के द्वारा बिहार में उनके पैतृक गांव लाया गया.


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शव के पहुंचते ही पूरे गांव में कोहराम मच गया. कल देर शाम जहां बेलाही गांव में दो शवों को दफन कर दिया गया था वहीं, हरिपुर गांव में बाकी शवों को अब से कुछ ही देर बाद गांव के पास के कब्रिस्तान में दफनाया जाएगा. 


इस हृदय विदारक घटना ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है. पूरा गांव मातम में डूबा हुआ है. दिल्ली के रानी झांसी रोड स्थित एक फैक्ट्री में आग लगने से 43 लोगों की जान जा चुकी है. कई लोग अभी भी गंभीर हालत में अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं. वहीं, इस हादसे में मारे गए लोगों में बिहार के ज्यादातर लोग शामिल हैं.


घटना की खबर मिलते ही सिंघिया थाना क्षेत्र के हरिपुर और ब्रह्मपुरा गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है.  इस गांव के 15 से 20 लोग उस फैक्ट्री में काम करते थे. ग्रामीणों का कहना है की दिल्ली में रह रहे उनके रिश्तेदार के मुताबिक आठ से दस लोगों की मौत इस हादसे में अब तक हो चुकी है.


वहीं, सहरसा जिले के नौ लोगों के मौत की खबर है. मरने वालों में सबसे ज्यादा सहरसा जिले के नरियार पंचायत के सात लोग शामिल हैं. सात लोगों की मौत की खबर सुनकर पूरे नरियार गांव में मातम पसरा हुआ है.


सीतामढ़ी के बोखरा प्रखंड के छह लोग इस अगजनी की घटना में मारे गए. पीड़ित के घरों में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है. सबसे ज्यादा बुधनगरा गांव को लोगों की जान इस हादसे में चली गई है. इस गांव के कुल 20 परिवार के लोग वहां टोपी बनाने का काम करते हैं.