पटना: कोरोना संक्रमण (Coronavirus) की वजह से आर्थिक गतिविधियां बाधित हुई हैं. इसके बाद बिहार में चुनाव भी हुए और इस लिहाज से बैंकों को जो लक्ष्य दिए गए थे, उसे वो पूरा नहीं कर पाए हैं. आपको बता दें कि बिहार में साख जमा अनुपात 46 फीसदी है लेकिन, 18 बैंक की परफॉर्मेंस औसत से काफी नीचे हैं. 


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उपमुख्यमंत्री तारा किशोर प्रसाद ने बैंकर्स से कहा है कि अगली तिमाही में टास्क पूरा करना लक्ष्य होगा. पटना के अधिवेशन भवन में राज्य स्तरीय बैंकर्स कमिटी की बैठक का आयोजन किया गया जिसमे बैंको के वरीय पदाधिकारी के साथ राज्य के पशुपालन और मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश साहनी भी शामिल हुए. उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद की अध्यक्षता में बैंको के काम की समीक्षा की गई जिसमे बैंको का परफॉर्मेंस आशा के विपरीत पाया गया. 
 
वहीं, आत्मनिर्भर भारत योजना का परिणाम भी अच्छा नहीं है. इसे लेकर सख्ती से अधिकारियों को कहा गया है कि वह बेहतर करें और लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में आगे बढ़ें. बैंक अधिकारियों से यह भी कहा गया है कि आत्मनिर्भर भारत से अब आत्मनिर्भर बिहार की ओर वह आगे बढ़े. बीस लाख नौकरी देने की बात है जो स्वरोजगार से ही संभव हो पाएगा और ऐसे में बैंकों की भूमिका बिहार में बड़ी हो जाती है. स्वरोजगार और उद्यम युवाओं के लिए बैंकों से ऋण के जरिए ही संभव है और ऐसे में बैंक यदि ऋण देने में कोताही करते हैं तो फिर लक्ष्य प्राप्ति को लेकर मुश्किल होगी लिहाजा 2000000 नौकरी देने की बात जो कही गई है उसमें बैंक अधिकारी लक्ष्य की प्राप्ति को लेकर आगे बढ़े.


कृषि क्षेत्र में भी काफी संभावनाएं 
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरी ओर सिर्फ ऋण देने से ही बिहार का विकास नहीं होगा बल्कि बैंकों को भी अरीन वापसी के लिए भी सोचना है इस लिहाज से ऋण देने के बाद उन्हें सहयोग देने की भी बात होनी चाहिए और सतत निगरानी होनी चाहिए.


प्रखंड स्तर पर सही तरीके से हो बैठक
स्तर पर और जिला स्तर पर बैंकों के साथ बैठक होती है लेकिन प्रखंड स्तर पर इसकी बैठक सही तरीके से नहीं हो पाती है इस को लेकर राज्य सरकार एक कैलेंडर जारी करने जा रही है जिससे गंभीरता के साथ प्रखंड स्तर पर बैंकों के साथ बैठक आयोजित हो और जिसमें सही तरीके से मामले का न सिर्फ निष्पादन हो बल्कि बैंक कर्मी उचित समय भी वहां पर दे पाए और जिस तरीके से उद्यमियों को वहां पर इनकी या दूसरी सुविधा की जरूरत है उस अनुसार उसे पूरा किया जा सके और इसे सख्ती से लागू भी किया जा रहा है.