पटना : बिहार के मोकामा स्थित नाजरथ अस्पताल द्वारा संचालित शेल्टर होम से सात लड़कियों के फरार होने के मामले पर राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गुप्तेश्वर पांडेय ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि शेल्टर होम से लड़कियां भागी नहीं, भगायी गईं थी. ज्ञात हो कि सात में से छह लड़कियों को दरभंगा से बरामद कर लिया गया है.


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डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि मामले की जांच करने एसएसपी, आईजी, डीआईजी और एफएसएल की टीम मौके पर गयी थी. सबकी एक ही राय थी कि जिस तरह लड़कियों के खिड़की से भागने की बात कही जा रही है वह सही नहीं लग रहा है. पुलिस अब पूरे मामले की जांच करेगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए समाज कल्याण विभाग को लिखेगी.


गुप्तेश्वर पाण्डेय ने कहा कि पुलिस अब इस मामले में बारीक से तफ्तीश करेगी, क्योंकि जब भी इसतरह की घटना होती है तो पुलिस की सांसें अटक जाती हैं. पुलिस पर सवाल उठने लगते हैं. चूंकि मामला सुप्रीम कोर्ट में है इसलिए ऐसी घटना काफी संवेदनशील हो जाती है. मोकामा शेल्टर होम मामले में हमारे पुलिसकर्मियों खासतौर पर दरभंगा और बाढ़ के एसपी ने अच्छा काम किया। छह लडकियां 15 घंटे के अंदर बराबद कर ली गयीं. एक लडकी की तालाश पश्चिम बंगाल में की जा रही है.


ज्ञात हो कि सात में से पांच लड़कियां मुजफ्फरपुर शेल्टर होम की पीड़िता हैं. इस घटना के सामने आते ही पूरे प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया था. वहीं, इस पूरे मामले पर राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर बिहार सरकार पर हमला बोला है.


तेजस्वी यादव ने अपने ट्वीट में लिखा है, 'मुजफ्फरपुर जनबलात्कार कांड में ऐसा कौन शख्स संलिप्त है जिसे बचाने को लेकर बिहार सरकार सब संस्थाओं की लताड़ बेशर्मी से चुपचाप सुन रही है. सीबीआई अधिकारियों का तबादला करवा रही है. अपने आप से पूछिए अगर 34 अनाथ बच्चियों की जगह हमारी अपनी बहन-बेटी होती तो हम सभी ऐसे ही चुप रहते?'



इससे पहले आरजेडी नेता विजय प्रकाश ने कहा था कि यह लड़कियां भागी नहीं है बल्कि उन्हें भगाया गया है. उन्होंने कहा था कि सात लड़कियों में से 5 लड़कियां मुजफ्फपुर शेल्टर कांड की अहम गवाह थी, इसलिए उन्हें छिपा दिया गया है. साथ ही उन्होंने आशंका जताई की उनकी हत्या भी हो सकती है.