Ankita Murder Case: बीजेपी नेताओं ने अंकिता के परिजनों से की मुलाकात, कपिल मिश्रा ने राज्य सरकार पर लगाए आरोप
Ankita Murder Case: दुमका से बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे, सांसद मनोज तिवारी और बीजेपी नेता कपिल मिश्रा आज अंकिता के परिजन से मिलने पहुंचे. इस दौरान बीजेपी नेताओं ने पार्टी की ओर से 28 लाख रुपए की आर्थिक मदद दी.
दुमका:Ankita Murder Case: दुमका से बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे, सांसद मनोज तिवारी और बीजेपी नेता कपिल मिश्रा आज अंकिता के परिजन से मिलने पहुंचे. इस दौरान बीजेपी नेताओं ने पार्टी की ओर से 28 लाख रुपए की आर्थिक मदद दी. सांसद निशिकांत दुबे सांसद मनोज तिवारी और बीजेपी नेता ने अंकिता के पिता, दादा, दादी और बहन से घटना के बारे जानकारी ली. इस दौरान उनके साथ पूर्व समाज कल्याण मंत्री लुईस मरांडी और कई बीजेपी के नेता भी मौजूद रहे.
कपिल मिश्रा ने राज्य सरकार पर लगाए आरोप
बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने राज्य सरकार पर सवाल ऊठाते हुए कहा कि पीड़िता के परिवार वालों से हमने मुलाकात की. मै पूछना चाहता हूं कि आज झारखंड मुख्यमंत्री कहां हैं. अभी तक वो पीड़िता के परिवार से मिलने क्यों नहीं आए. उनके भाई तो यहां से एमएलए है वो कहां है? क्या यहां अंकिता है इसलिए खड़े नहीं हैं, बल्कि अगर पीड़ित कोई नदीम अंसारी होता तो पूरी कैबिनेट यहां खड़ी होती. झारखण्ड का हेलीकाप्टर नदीम अंसारी के लिए गया लेकिन अंकिता के लिए क्यों नहीं गया. वह बच्ची मरने वाली नहीं थी उसका बयान पूरे देश से सुना है लेकिन यहां की सरकार पिकनिक मना रही थी.
घटना हिन्दू मुसलमान का नहीं है
वहीं सांसद निशिकांत दुबे ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि ये घटना कोई हिन्दू मुसलमान का नहीं है. बल्कि इस इलाकेको तोड़ने की साजिश है. इसके तार पीएलएफआई और पकिस्तान के आईएसआई से जुड़े हुए है. संथाल परगना बंगला देश के बॉर्डर से जुड़ा है. यहां कई घटना हो चुकी है. संथाल परगना को तोड़ने की साजिश हो रही है. हमारी बहू बेटी आज सुरक्षित नहीं है. इस परिवार के न्याय दिलाने के लिए अंतिम समय तक खड़ा रहेंगे. सोरेन परिवार का जो रवैया है वो बहुत ही घटिया है. इसी दुमका ने सोरेन परिवार को बनाया है.
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सुनियोजित तरीके से हुई घटना
वहीं सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि हमने अंकिता के परिवार वालों से बात की. पूरी बात सुनने के बाद ऐसा लग रहा है कि अंकिता की हत्या नहीं हुई है बल्कि मानवता की हत्या हुई है. इस घटना के प्रति मुख्यमंत्री की इतनी उदासीनता एक सुनियोजित घटना के प्रति इशारा कर रही है. मैं हैरान हूं कि झारखंड का चूना हुआ नुमाइंदा अभी तक यहां नहीं पहुंचा. वह सहायता क्या करेंगे जो यहां खड़ा भी नही हो सकते. इस घटना में कड़ी जांच होनी चाहिए. यह घटना जरूर दुमका के छोटे से मोहल्ले में हुई है लेकिन इसके तार बहुत लंबे दिख रहे हैं.