झारखंड: ADJ उत्तम आनंद हत्याकांड के दोनों दोषियों को उम्रकैद, 25 हजार जुर्माना भी लगा
ADJ Uttam Anand Murder: धनबाद के न्यायाधीश उत्तम आनंद हत्याकांड में सीबीआई की विशेष अदालत ने दोनो दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनायी. कोर्ट ने दोनों पर 25 हजार का जुर्माना भी लगाया.
धनबाद: ADJ Uttam Anand Murder: उत्तम आनंद हत्याकांड में सजा का ऐलान हो गया है. महज 1 साल में मामले की सुनवाई पूरी कर CBI की विशेष अदालत ने दोनों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. दोनों दोषियों को कोर्ट ने आईपीसी की धारा 302 और 201 और 34 के तहत उम्रकैद की सजा सुनायी है. साथ ही दोनों पर 25-25 हजार रुपया जुर्माना भी लगाया गया है.
28 जुलाई को ही CBI के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत ने राहुल वर्मा और लखन वर्मा को हत्या और साक्ष्य छिपाने का दोषी करार दिया था.
बचाव पक्ष करेगा हाईकोर्ट में अपील
दोषियों की सजा के ऐलान के बाद सीबीआई के अधिवक्ता राधेश्याम गोस्वामी ने कहा कि यह घटना ज्यूडिशरी पर हमला था, जिसकी वजह से मौत तक दोषियों को सलाखों के पीछे रहना होगा. वहीं, बचाव पक्ष के वकील कुमार अमलेंदु ने कहा कि वो फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे.
मौत की सजा की उम्मीद थी: परिजन
वहीं फैसले पर जज उत्तम आनंद के परिजनों ने संतोष जताया है. हालांकि, ADJ उत्तम आनंद के भाई विशाल आनंद का कहना है कि उत्तम आनंद को सच्ची श्रद्धांजलि तभी मिलेगी, जब हत्या के पीछे के मकसद का पता चल सकेगा. उन्होंने कहा कि उन्हें दोनों दोषियों के लिए मौत की सजा की उम्मीद थी, लेकिन उन्हें सिर्फ आजीवन कारावास की ही सजा मिली है.
CCTV फुटेज से हुआ था हत्या का खुलासा
बता दें कि 28 जुलाई 2021 को धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर ऑटो से टक्कर मारकर जज उत्तम आनंद की हत्या की गई थी. घटना की तस्वीर सीसीटीवी में कैद हो गयी थी. पहले तो इस मामले को सामान्य सड़क हादसा माना जा रहा था, लेकिन हादसे का सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद मामला हत्या का बन गया. धनबाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर राहुल वर्मा और लखन वर्मा को गिरफ्तार कर ऑटो रिक्शा भी बरामद कर लिया.
1 साल और 6 दिन में फैसला
29 जुलाई 2021 को धनबाद थाने में हत्या की प्राथमिकी दर्ज की गई. 5 अगस्त 2021 को सीबीआई क्राइम ब्रांच दिल्ली ने मामले का रजिस्ट्रेशन कर जांच शुरू की और फिर स्पीडी ट्रायल चलाकर मामले की सुनवाई पूरी की गई. 22 फरवरी 2022 को आरोप तय होने के बाद महज पांच महीने में 58 गवाहों के बयान दर्ज कर लिए गए थे, और 1 साल और 6 दिन में कोर्ट ने सजा का ऐलान भी कर दिया.
(इनपुट-नीतेश)