जामताड़ाः झारखंड के जामताड़ा में सुखाड़ के बादल मंडराने लगे है. जुलाई का आधा महीना बीत गया है लेकिन अभी तक जामताड़ा में पर्याप्त बारिश नहीं होने से खेतों में डाले गए बीज सूखने की कगार पर हैं. वहीं कुछ किसान अभी भी अपने खेतों में बीज डाल रहे है.


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समय बीतता जा रहा है लेकिन किसान रोपनी नहीं कर पाई है. ऐसे में जामताड़ा जिले में सुखाड़ की स्थिति बनी हुई है. जामताड़ा जिला कृषि पर आधारित है और यहां आमदनी का मुख्य स्रोत ही धान की खेती है. इसी के सहारे लोग अपना जीवन यापन करते है. लेकिन इस साल पर्याप्त मात्रा में बारिश ही नहीं हुई है जिसके वजह से रोपनी भी नहीं हो पाई है. इसके वजह से किसानों की चिंताएं भी बढ़ गई है. 


किसान बताते हैं कि पिछले साल से इस साल स्थिति और भी खराब है. अगर सप्ताह भर में अच्छी बारिश नहीं हुई तो इस वर्ष भी धान की उपज नहीं हो पाएगी. बारिश की बेरुखी को लेकर कृषि विभाग भी चिंतित दिख रहा है. जिला कृषि पदाधिकारी लव कुमार बताते हैं कि पिछले साल की तुलना में इस साल काफी कम बारिश हुई है और यही वजह है कि अभी तक रोपनी प्रारंभ नहीं हो पाई है. 


कुछ किसानों ने धान की रोपनी की भी है लेकिन बारिश के अभाव में उनकी धान मुरझाने लगी है. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जामताड़ा के विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि जामताड़ा जिला सुखाड़ की ओर अग्रसर है और इस स्थिति को देखते हुए कृषि विभाग को मैंने निर्देश दिया है कि इसका आकलन करके सरकार को भेजें. उन्होंने कहा कि मैं इस स्थिति से मुख्यमंत्री तथा कृषि मंत्री को अवगत कराकर जामताड़ा के लिए राहत पैकेज की मांग करूंगा ताकि यहां के किसानों को राहत मिल सके.
इनपुट- देवाशीष भारती


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