Bokaro: एक तरफ कोरोना का बढ़ता प्रकोप तो दूसरी ओर कई ऐसे मामले भी देखने को मिल रहे हैं, जहां अपने ही अपना साथ छोड़ रहे हैं. ऐसे ही दृश्य झारखंड के बोकारो जिले में देखने को मिल रहा है. यहां मौत होने के बाद अपने ही दाह संस्कार करने से बच रहे हैं. मौत के बाद सारी जिम्मेदारी जिला प्रशासन पर डालकर शव को अस्पताल से लेने नहीं पहुंच रहे हैं. जिससे प्रशासन के लिए मुश्किल खड़ी हो रही है.


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जानकारी के अनुसार, बोकारो के सिविल सर्जन ने भी इस मामले को गंभीर बताया है. उन्होंने कहा है कि ऐसे मामले बोकारो में देखने को मिला ऐसा हैं. सिविल सर्जन ने लोगों से अपील किया की कहा मरने के बाद डेड बॉडी में कोई संक्रमण नहीं रहता है, ऐसे में लोग अपनों का अंतिम क्रिया करने में हिचकिचाए नहीं, बल्कि पहले की तरह ही अंतिम क्रिया करें और अगर इसमें भी कोई दिक्कत आ रही है तो उन्हें पीटीईटी दिया जाएगा.


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वहीं, लोगों में संक्रमण का डर ऐसा है कि अपनों का शव को नहीं ले रहे हैं. इससे कभी-कभी स्वास्थ्य विभाग के लिए भी चिंता का विषय है बना दे रहा है. क्योंकि परिजन के इंतजार में शव घंटों पड़ा रहता है. लेकिन जब परिजन शव नहीं लेने आते हैं तो जिला प्रशासन का स्वस्थ विभाग आगे आ रहा है. यहां जिला प्रशासन के सहयोग से उसे शमशान घाट तक पहुंचाया जाता है और श्मशान के लोगों के द्वारा उसकी अंतिम क्रिया कर दी जाती है.


इधर, श्मशान घाट के केयरटेकर एम एल हजाम की माने तो ऐसे मामले बहुत सारे देखने को मिल रहे हैं. यहां अंतिम काल में अपने ही अपनों का साथ छोड़ दे रहे है. यहां, डर के चलते रिश्ते नाते भी टूट रहे है. उनका कहना है कि कुछ लोग आ रहे हैं लेकिन ज्यादातर लोग नहीं आ रहे है. ऐसे में हम लोगों को ही शव का दाह संस्कार करना पड़ रहा है.


वहीं, बोकारो के सिविल सर्जन का कहना है कि लोग डरे नहीं, डेड बॉडी से कोई संक्रमण नहीं होता है. दो गज की दूरी है जरूर और इसे बनाए रखे लेकिन दिलो की दूरी और रिश्ते नातों की दूरी नहीं बनाए.


(इनपुट-मृत्युंजय मिश्रा)