धनबाद : धनबाद के निरसा में पिछले दिनों क्षेत्र में एक विडियो तेजी वायरल हुआ था. जिसमें दिख रहा था कि दर्जनों मासस के कार्यकताओं द्वारा गोपालपुर पंचायत की मुखिया शिखा नाग के पति सपन नाग के साथ बेरहमी से मारपीट की जा रही थी. मुखिया पति पर रेलवे में नौकरी के नाम पर कई लोगों से ठगी करने का आरोप था.


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इस मामले पर सियासी बयानबाजी तेज


वीडियो वायरल होने के बाद झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट करते हुए पुलिस पर सवाल खड़े किए हैं और लिखा है कि धनबाद के निरसा थाना अंतर्गत मुखिया शिखा नाग के पति सपन नाग की बेरहमी से पिटाई का यह VEDEO वायरल हुआ है. पिटने वाला शक्स ECL मुगमा का कर्मचारी रामजी यादव है जो धनबाद पुलिस के संरक्षण में कोयला तस्करी का एक किरदार बताया जा रहा है. कोल इंडिया इस पर तत्काल कार्रवाई करे. वहीं अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा कि सुना है कि 27 सितम्बर के इस मामले के मुख्य अदाकार-गुनहगार रामजी यादव की अबतक गिरफ़्तारी नहीं हुई है क्योंकि वह पुलिस के लिये “कमाऊ पूत” है. कोयला चोरी का माल बटोर कर “ऊपर” तक पंहुचाता है.




सपन नाग ने बताया कैसे घटी पूरी घटना


वहीं इस मारपीट के मामले में मीडिया से बात करते हुए मुखिया पति सपन नाग ने कहा कि 30 सितंबर की सुबह मैं और मेरी पत्नी मुखिया शिखा नाग किसी काम से एग्यारकुण्ड प्रखंड कार्यालय जा रहे थे. प्रखण्ड कार्यालय से कुछ दूरी पर एक सफेद कार आया जिसमें मासस के नेता रामजी यादव एवं रोशन मिश्रा सवार थे. पास आकर मुझसे पूछा कि मुखिया जी, मैंने जैसे ही हां में जबाब दिया उनलोगों ने मुझपर हमला कर दिया. मेरी पत्नी बीच बचाव करने पहुंची तो उनलोगों द्वारा उसके साथ मारपीट एवं छेड़छाड़ किया गया. इसके बाद मुझे प्रखंड कार्यालय के समीप से रिवाल्वर दिखाकर अगवाकर मासस कार्यालय पतलाबाड़ी ले जाया गया. जहां पहले से मौजूद चार पांच अन्य लोगों द्वारा मुझे बेरहमी से पीटा गया. जिसमें मेरे बाएं हाथ की हड्डी के तीन टुकड़े हो गए एवं सर तथा बदन पर गंभीर चोटें आई है.


पंचेत पुलिस की तत्परता से बची सपन नाग की जान


सपन नाग ने आगे कहा कि पंचेत पुलिस की तत्परता के कारण मेरी जान बची. अन्यथा वे लोग मुझे मार देने का पूरा इंतजाम करके आए थे. वह लोग मेरी किडनी निकालने की भी बात किसी से फोन पर कर रहे थे. जिसे लेकर मेरे शरीर का ब्लड सैंपल भी लिया गया. उन लोगों द्वारा मेरे साथ थर्ड डिग्री जैसा ट्रीटमेंट किया गया. गर्म चाय मेरे शरीर पर फेंकी गई. वह लोग मुझसे रुपए की मांग कर रहे थे. जबरन उनलोगों ने मुझसे फोन पर घर पर बात करवाई. जिसमें जमीन के कागजात एवं पैसे लाने को कहा गया. इससे पहले की वह सब मेरे साथ कुछ और अनहोनी को अंजाम दे पाते उसके पहले जिप सदस्य गुलाम कुरैशी द्वारा एसडीपीओ पितांबर सिंह खेरवार को इसकी जानकारी दी गई. जिसके बाद पंचेत पुलिस मौके पर पहुंच गई और मुझे उन दरिंदों से बचा लिया. उन्होंने पुलिस प्रशासन से मांग की है कि मेरे साथ जिस प्रकार की घटना घटी है उसपर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि ऐसा करने वाले लोगों को इसका सबक मिल सके.


इस मामले पर गरमाई प्रदेश की राजनीति


मुखिया पति के पिटाई के मामले में निरसा की राजनीतिक गरमाई हुई है, स्थानीय जनप्रतिनिधि से लेकर विधायक तक इस घटना की निंदा कर रहें हैं. निरसा विधायक अपर्णा सेनगुप्ता ने कहा की एमसीसी की गुंडागर्दी क्षेत्र में चरम पर है. अगर प्रशासन दोषी व्यक्ति पर अविलंब कार्यवाही नहीं करती है तो हम सड़क पर उतरने के लिए बाध्य होंगे. वहीं इस मुद्दे पर पूर्व विधायक अरूप चटर्जी ने कहा कि यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. एक व्यक्ति को इस तरह बंद कमरे में पीटना गलत है. अगर लेन-देन की बात है तो प्रसाशन से मदद लेनी चाहिए था. दोनों पक्षों द्वारा लिखित आवेदन दिया गया है कि प्रसाशन इसकी निष्पक्ष जांच करे.


(रिपोर्ट-नीतेश कुमार मिश्रा)


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