रांचीः यौन उत्पीड़न मामले को लेकर जेवीएम विधायक प्रदीप यादव की मुश्किलें बढ़ गई हैं. प्रदीप यादव की गिरफ्तारी के लिए देवघर पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है तो वहीं, प्रदीप यादव ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर कर दी है. लेकिन इन सबके बीच इस प्रकरण ने एक बार फिर सियासी रंग ले लिया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कांग्रेस प्रवक्ता शमशेर आलम कानून के सम्मान का हवाला देते हुए कहते हैं कि यह पूरा प्रकरण अभी कानूनी प्रक्रिया के अधीन है. और उनकी पार्टी कानून पर भरोसा करती है इसीलिए इस मामले पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी.


इस दौरान शमशेर आलम ने कहा कि गुड्डा सांसद निशिकांत दुबे पर प्रदीप यादव को फंसाने की साजिश रचने का आरोप है तो सरकार को निशिकांत दुबे मामले पर भी जांच करनी चाहिए.


वहीं, प्रदीप यादव प्रकरण में बीजेपी प्रवक्ता दीनदयाल बरनवाल ने प्रदीप यादव और पूरे महा गठबंधन को ही आड़े हाथों लिया है. उन्होंने जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी से प्रदीप यादव को बर्खास्त करने की मांग की है. साथ कहा है कि चुनाव आयोग को संज्ञान लेते हुए प्रदीप यादव को किसी भी चुनाव में चुनाव लड़ने से वंचित करना चाहिए.


दीनदयाल बरनवाल ने कहा कि आखिर क्यों प्रदीप यादव पुलिस से भाग रहे हैं. वे विधायक के पद पर हैं इसीलिए उन्हें चाहिए कि सरेंडर कर जांच में सहयोग करें. वहीं, विपक्ष के नेताओं को भी दीनदयाल वर्णवाल ने अपने साथी को सरेंडर करवाने की नसीहत दी है.


बहरहाल, प्रदीप यादव प्रकरण में भले ही सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हो लेकिन इतना तो साफ है कि पुलिस की दबिश ने प्रदीप यादव की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ा दी हैं.