ZEE Bihar की खबर पर लगी मुहर, रेल ट्रैक पर सीमेंटेड कुर्सी रखने के मामले में दर्ज हुआ मुकदमा
Bapudham Railway Station: अगर शरारती तत्व सीमेंटेड कुर्सी को पूरी तरह ट्रैक पर रख चुके होते तो यकीनन बड़ा रेल हादसा हो सकता था. पिछले कुछ महीनों में रेल ट्रैक पर ऐसी चीजें रखने की लगातार खबरें आ रही हैं. इसको लेकर जीआरपी और आरपीएफ के अलावा रेलवे को भी पूरी तरह चौकन्ना रहना चाहिए.
Zee बिहार की खबर पर एक बार फिर मुहर लगी है. मोतिहारी के बापूधाम रेलवे स्टेशन के चैलाहा हॉल्ट पर चंपारण सत्याग्रह और सीमेंटेड कुर्सी की टक्कर के मामले में उच्चाधिकारियों की चार सदस्यीय टीम ने चैलाहा हॉल्ट का निरीक्षण किया है. टीम ने अपने रिपोर्ट में सीमेंटेड कुर्सी ट्रैक पर रखने, ट्रेन से टक्कर होने और इंजन पर टक्कर के निशान की पुष्टि के साथ एक से ज्यादा लोगों के शामिल होने का जिक्र किया है. इस मामले में रेल थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR no-19/25 दर्ज किया गया है. बताया जा रहा है कि RPF और GRP के साथ बंजरिया थाने की संयुक्त टीम ले इस मामले की टोह ले रही है और छापेमारी भी कर रही है. बुधवार शाम को टीम हनुमानगढ़ी में टोह लेने गई थी.
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बताया जा रहा है कि चैलाहां हॉल्ट पर शरारती तत्वों ने प्लेटफार्म पर लगे सीमेंटेड कुर्सी को उठाकर रेलवे ट्रैक पर रखने की कोशिश की थी. इसी दौरान आनंद विहार से बापूधाम मोतिहारी जाने वाली ट्रेन आ गई और शरारती तत्व सीमेंटेड कुर्सी को पूरी तरह ट्रैक पर नहीं रख पाए. हालांकि कुर्सी का कुछ हिस्सा ट्रैक की तरफ था. इस वजह से ट्रेन डिरेल होने से बच गई और सीमेंटेड कुर्सी को टक्कर मारती हुई निकल गई.
रेलवे सूत्रों का कहना था कि चम्पारण सत्याग्रह ट्रेन के लोको पायलट ने चैलाहा हॉल्ट पर ट्रैक पर रखे सीमेंटेड कुर्सी को देखा था लेकिन स्पीड में होने के कारण इमरजेंसी ब्रेक लगाना संभव नहीं था. इसलिए लोको पायलट ने स्पीड थोड़ी कम कर दी और ट्रेन सीमेंटेड कुर्सी को ठोकर मारते हुए निकल गई. ट्रेन की टक्कर से सीमेंटेड कुर्सी कई टुकड़ों में टूटकर बिखर गई. खास बात यह रही कि यात्रियों को कोई नुकसान नहीं हुआ और शरारती तत्वों का मकसद फेल हो गया.
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यह भी बताया जा रहा है कि चैलाहा हॉल्ट पर लगे सीमेंटेड कुर्सियों को कुछ दिन पहले ही क्षतिग्रस्त किया गया था पर विभाग ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया. ट्रैक पर सीमेंटेड कुर्सी रखना एक या दो आदमी के वश की बात तो है नहीं. जाहिर सी बात है कि शरारती तत्वों का मकसद बड़े रेल हादसे को अंजाम देना था, लेकिन वे अपने मकसद में फेल रहे. अब इस मामले में चूंकि मुकदमा दर्ज हो चुका है तो जाहिर है कि जांच में आरोपियों के बारे में ठोस जानकारी हासिल हो सकेगी और उनका मकसद भी पता चल सकेगा.