बेतिया : बिहार के बेतिया की चन्द्रावत नदी जो पहले बन्दरगाह हुआ करती थी, आज अपने अस्तित्व के लिए जंग लड़ रही है. अतिक्रमणकारियों ने नदी को नाला में तब्दील कर दिया है. भू माफिया नदी की जमीन को बेच रहे हैं, जिसपर आलीशान मकान बन चुके हैं. दबंगो ने नदी में चार-चार पाया का पुल भी बना दिया है, जिसका उपयोग एक घर से दूसरे घर में जाने के लिए किया जाता है.


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हद तो तब हो गई जब अधिकारियों ने इसकी भनक तक नहीं होने की बात कहते हैं. या यूं कहें तो अप्रत्यक्ष रूप से अधिकारी इन दबंगो और भू माफियाओ को मदद करते हैं.


ऐसा नहीं है कि मामले की जानकारी सरकार को नहीं है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी चन्द्रावत को बचाने के मामले में संज्ञान ले चुके हैं. मंत्री ललन सिंह को चन्द्रावत नदी को अतिक्रमण से मुक्त करवाने के लिए आदेश जारी किया था. वहीं, विधानसभा में विधायक मदन मोहन तिवारी द्वारा किए गए सवाल पर भी कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं.


सरकार ने मुजफ्फरपुर के बाढ़ नियंत्रण के मुख्य अभियंता और बेतिया के जिला पदाधिकारी को इस मामले की जांच कराने के आदेश दिया है. बेतिया के विधायक ने वर्ष 2016 और 2017 में बजट सत्र के दौरान बिहार विधानसभा में सरकार से सवाल किए थे. उसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर जाकर भी इसकी जानकारी दी थी. मुख्यमंत्री ने त्वरित संज्ञान लेते हुए विभागीय मंत्री ललन सिंह को आदेश दिया. सीएम ने बेतिया में एक टीम भेजक जांच भी करवाई.


सीएम के संज्ञान के बावजूद जिला के तमाम पदाधिकारी सीएम और विधानसभा के आदेश की धज्जिया उड़ा रहे हैं और लगातार भू माफिया नदी को बेच रहे हैं. दबंग नदी पर कब्जा कर रहे हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए जब जी मीडिया की टीम ग्राउंड जीरो पर पहुंची तो मामला बेहद ही चौकाने वाला सामने आया. वार्ड पार्षद और वार्ड के लोग चन्द्रावत की असितत्व की खतरे को देख अब आक्रोशित हो रहे हैं. लोगो का कहना है कि चन्द्रावत की साफ सफाई और अतिक्रमण मुक्त करे जिला प्रशासन नहीं तो अब आंदोलन होगा.