बगहा: बिहार में मॉनसून लौटने के बाद एक बार फिर वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (Valmiki National Park) में पर्यटकों की संख्या बढ़ती जा रही है. पर्यटकों के लिए जंगल सफारी सेवा भी शुरू कर दी गई है. 


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बड़ी संख्या में पर्यटक वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में जल-जंगल और जानवरों के साथ प्रकृति का आनंद लेने पहुंच रहे हैं. वाल्मीकि टाईगर रिजर्व और जल संसाधन विभाग की ओर से पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए नवनिर्मित इको पार्क के साथ राफ्टिंग सेवा भी शुरू की गई है.


वहीं, जंगल में कैंपिंग करने के शौकीन लोगों के लिए कम कीमत पर पर्यटकों के लिए बैंबू हट, ट्री हट, सुईट और वाल्मीकि विहार जैसे गेस्ट हाउस के साथ सरकारी दर पर कैंटीन की भी व्यवस्था की गई है. 


काफी किफायती दरों में यहां पर कैंपिंग की व्यवस्था है. जंगल कैंप में बने बैंबू ट्री हाउस का चार्ज महज 1000 रुपए है. वहीं, सूट का चार्ज 1200 रुपए भेड़िहारी कंपार्ट में पर्यटकों के बजट को ध्यान में रखते हुए सिर्फ 50 रुपए में ठहरने की व्यवस्था है. 


जहां सरकार ने इतने इंतजाम किए हैं, वहीं पर्यटकों का कहना है कि इस टाइगर रिजर्व को सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर का इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं दे पा रही है. लोगों का कहना है कि खासकर टाइगर रिजर्व को शहरों से जोड़ने वाली सड़क खस्ताहाल है.


सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) वाल्मीकि नगर को पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने की योजना बना रहे हैं.


वाल्मीकि नगर में इंडो-नेपाल सीमा पर गंडक बराज समेत नर देवी, वाल्मीकि आश्रम और कौलेश्वर मंदिर, जटाशंकर मंदिर के अलावा त्रिवेणी संगम, गजेन्द्र दिव्य मोक्ष धाम के साथ साथ टाईगर रिजर्व भी है, जो पर्यटकों को आकर्षित कर सकता है और इसे पर्यटक हब बना सकता है. 


Saloni Mohan, News Desk