पटनाः बीजेपी के पूर्व सांसद उदय सिंह ने पार्टी से इस्तीफा देने का ऐलान किया है. उदय सिंह ने शुक्रवार को पार्टी से अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए बीजेपी पर आरोप लगाए. पूर्णिया लोकसभा सीट से दो बार सांसद रहे उदय सिंह ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने जेडीयू के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है. हालांकि इस्तीफे की घोषणा के बाद वह किस पार्टी को ज्वाइन करेंगे इस बारे में कुछ भी बोलने से इनकार किया. उन्होंने कहा कि इस्तीफा देने तक उनके पास अन्य पार्टी से बात करने का अधिकार नहीं है.


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हालांकि उदय सिंह ने पर्याप्त संकेत दिए कि वह महागठबंधन के किसी घटक में शामिल हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की लोकप्रियता बढ़ती देख रहे हैं जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद को वास्तविकता से दूर कर लिया है भले ही उनके विचार कितने भी नेक क्यों न हों. 


उन्होंने कहा कि भाजपा में रहते हुए भी उन्होंने कभी भी कांग्रेस मुक्त भारत के नारे का समर्थन नहीं किया. एक लोकतंत्र का बिना विपक्ष के कोई अस्तित्व नहीं. यह एक एकदलीय शासन तक सीमित हो जाएगा. 


भाजपा एवं जदयू के बीच 17-17 सीटों पर लड़ने की सहमति बनने तथा छह सीटें राम विलास पासवान की लोजपा के लिए छोड़ देने और पूर्णिया में मौजूदा विधायक के नीतीश कुमार की पार्टी से होने के चलते सिंह को यह सीट मिलने की संभावना बहुत कम है. उदय सिंह ने 2004 और 2009 में पूर्णिया सीट जीती थी. 


हालांकि सिंह इस बात पर कायम रहे कि उनके फैसले का उनकी सीट से टिकट हासिल करने की संभावना से कोई लेना-देना नहीं हैं क्योंकि राजग के घटक अब भी यह तय नहीं कर पाए हैं कि कौन सी पार्टी किस सीट के लिए लड़ेगी. 


एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि अब तक मेरी राहुल गांधी या लालू प्रसाद से कोई बातचीत नहीं हुई है लेकिन अपने समर्थकों को विश्वास में लेने के बाद मैं उनसे बातचीत करना चाहूंगा. 


उन्होंने दावा किया कि मौजूदा नेतृत्व को लेकर पार्टी कैडर के बीच निराशा है और कहा कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मिलना बहुत मुश्किल है. रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा मिलने के लिए लगातार वक्त मांगते रहे, जो उन्हें कभी नहीं मिला और अंतत: उन्होंने इस्तीफा दे दिया. 


(इनपुटः भाषा)