रांची : झारखंड के राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (रिम्स) में जूनियर डाक्टरों और नर्सो की हड़ताल के कारण कम से कम 14 मरीजों की मौत हो गई. एक कर्मचारी पर हमले के कारण डाक्टरों और नर्सों ने यह हड़ताल की है. 


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झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने रविवार को रिम्स की घटना पर संज्ञान लिया और मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी और स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रबंशी को डाक्टरों और नर्सों से बात करने के लिए कहा है.


रिम्स में हड़ताल से मचे हाहाकार पर मुख्यमंत्री के पहल के बाद स्वास्थ्य मंत्री और मुख्य सचिव रिम्स पहुंचे. जूनियर डॉक्टर और नर्स के प्रतिनिधि के साथ तकरीबन चार घंटे की लंबी वार्ता के बाद लिखित आश्वासन दिए जाने के बाद  हड़ताल समाप्त हुआ.


शुक्रवार की रात एक नर्स के इंजेक्शन देने के बाद मरीज गीता देवी की मौत हो गई. इसके बाद गीता देवी के परिजनों ने नर्स के साथ बदसलूकी और मारपीट की. वहीं, इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा जिस महिला के द्वारा नर्स के साथ मारपीट किया गया था, उसपर कानून के मुताबिक कार्रवाई होगी.


शनिवार की सुबह जूनियर डाक्टर और नर्स हड़ताल पर चले गए और नए मरीजों की भर्ती रोक दी. जो मरीज पहले से भर्ती थे उन्हें दवा और उपचार नहीं दी गई. इसकी वजह से 14 मरीजों की मौत हो गई.


रिम्स में शनिवार और रविवार को दो हजार से अधिक मरीजों को बिना इलाज वापस लौटना पड़ा. कई परिजनों ने पहले से भर्ती अपने मरीजों को दूसरे अस्पताल ले गए.


रविवार दोपहर चंद्रबंशी और त्रिपाठी बातचीत के लिए रिम्स पहुंचे और इसके बाद हड़ताल वापस ले ली गई.


(एजेंसी इनपुट के साथ)