स्वतंत्रता सेनानी के निधन पर प्रशासन की अनदेखी, लोगों में नाराजगी
वारिसनगर प्रखंड के हांसा गांव के एकमात्र स्वतंत्रता सेनानी बाबू उपेंद्र नारायण सिंह का आज उनके पैतृक गांव में निधन हो गया. 96 वर्ष उपेंद्र नारायण सिंह लंबे समय से बीमार चल रहे थे.
समस्तीपुर: एक तरफ जहां पूरा देश 72वां स्वतंत्रता दिवस का जश्न मना रहा है और वीर सपूतों की कुर्बानी को याद कर उन्हें नमन कर रहा है वहीं, समस्तीपुर में स्वतंत्रता सेनानी के निधन पर जिला प्रशासन की अनदेखी से लोगों में नाराजगी देखी जा रही है .
वारिसनगर प्रखंड के हांसा गांव के एकमात्र स्वतंत्रता सेनानी बाबू उपेंद्र नारायण सिंह का आज उनके पैतृक गांव में निधन हो गया. 96 वर्ष उपेंद्र नारायण सिंह लंबे समय से बीमार चल रहे थे. स्वतंत्रता दिवस के इस पावन मौके पर इस स्वतंत्रता सेनानी के निधन से पूरा गांव और प्रखंड के लोग शोक में डूबा है लेकिन साथ ही वो गर्व भी महसूस कर रहे हैं.
उपेंद्र बाबू के परिजनों और उनके गांव वालों का कहना है कि देश की आजादी के लिए उन्होंने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया. 1942 के असहयोग आंदोलन से लेकर जे.पी आंदोलन तक में सक्रिय भूमिका निभाई और इस वजह से वो कई बार जेल भी गए .
स्वतंत्रता सेनानी के निधन की खबर मिलते ही वारिसनगर प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी अंचल अधिकारी और थानाध्यक्ष मौके पर पहुंच स्वतंत्रता सेनानी को नमन किया और उन्हें सलामी दी. लेकिन जिला मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित स्वतंत्रता सेनानी के आवास पर डीएम ,एसपी या कोई जिले के वरीय अधिकारी नही पहुंचे .
अधिकारी स्वतन्त्रता दिवस के मौके पर आयोजित फुटबॉल मैच को अहमियत देना ज्यादा मुनासिब समझा. देश की आजादी के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले ऐसे वीर सपूतों के निधन पर जिला प्रशासन की अनदेखी से स्थानीय लोगों में नाराजगी देखा जा रही है.
लोगों का कहना है कि आज जिस आजादी को लेकर हम जश्न मना रहे हैं उनकी कुर्बानियों को याद कर रहे हैं लेकिन स्वतंत्रता सेनानियों की अनदेखी करना दुर्भाग्यपूर्ण है.