पटना: बिहार की राजधानी पटना से होकर बहने वाली गंगा प्रदूषित (Ganga Pollution) हो चुकी है. प्रदूषण का स्तर ऐसा है कि पीने का तो छोड़िए पानी नहाने लायक भी नहीं है. आप जिस गंगा को देखकर आते हैं, उसमें सहयोगी नदियों और नाले का पानी है. बिहार राज्य पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (Bihar Pollution Control Board) के रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पटना में गंगा महज पांच फीसदी ही बची है. आम आदमी से सीधे पर जुड़े इस मुद्दे पर सियासत भी खूब रही है. नेताओं के बयान सामने आ रहे हैं.


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ज्ञात हो कि हाल ही में बिहार सरकार की तरफ से इस बात की घोषणा की गई थी कि राजगीर, गया और नवादा के शहरी इलाके के लोगों को पीने के लिए जल्द ही गंगा का पानी मुहाया कराया जाएगा. अब इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद विपक्ष सरकार पर हमलावर है.


राज्यसभा सांसद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अखिलेश सिंह ने कहा कि बिहार से होकर बहने वाली गंगा में पानी बचा ही नहीं है. गंगा में सीवर और नालों का पानी मिलता है. ऐसे में क्या राज्य सरकार इस पानी को लोगों तक पहुंचाने का काम करेगी? अखिलेश सिंह राज्य सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि नदियों की सफाई पूरी तरह से संभव नहीं हो पा रही है और राज्य सरकार दूषित पानी लोगों को पहुंचाने की कवायद में जुट गई है.


वहीं, भारतीय जनता पार्टी (BJP) प्रवक्ता नवल किशोर यादव ने पूरे रिपोर्ट को ही बकवास बताया है. उन्होंने दावा किया है कि इस रिपोर्ट में कुछ भी सच्चाई नहीं है. यह सिर्फ बदनाम करने की कोशिश है. इससे ठीक उलट राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) का कहना है कि बिहार सरकार ने गंगा को मैली बनाया. 15 साल लंबा वक्त होता है. आज बिहार कि ऐसी स्थिति नही होती. गंगा के पानी को बर्बाद किया गया. सरकार अब बिहार की जनता को कहां से पीने का पानी पहुंचाएगी.


इसके साथ ही बिहार विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल (RJD) विधायक भाई वीरेंद्र ने इसे जांच का विषय बताया है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार गंगा के पानी को गया, नवादा और राजगीर ले जाने की बात कह रहे हैं. अब किस आधार पर गंगा का पानी इन जिलों में पहुंचाया जाएगा. पहले नीतीश कुमार होमवर्क कर लें. तभी ऐसी योजना पर सोचें.


सत्तारूढ़ दल जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने एकबार फिर रिपोर्ट की जांच कराने की मांग की है. जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि जब गंगाजल पटना से ले जाया जायेगा, तो उसे पीने लायक बनाकर ही ले जाया जाएगा. लोगों को शुद्ध पानी ही पहुंचाया जाएगा.