सासाराम: रोहतास जिला के सासाराम में रामनवमी के जुलूस के दौरान दो समूहों के बीच हुई सांप्रदायिक झड़प की जांच के सिलसिले में बिहार पुलिस ने भाजपा के पूर्व विधायक जवाहर प्रसाद को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी. सासाराम विधानसभा सीट से भाजपा के पूर्व विधायक की गिरफ्तारी से विपक्षी पार्टी भाजपा और सत्तारूढ़ महागठबंधन के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया है.


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 पटना में भाजपा के पूर्व विधायक की गिरफ्तारी पर पूछे गए सवालों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अगर किसी पर कोई आरोप लगता है तो पुलिस उसकी जांच करती है. जांच में जो दोषी पाया जाता है उस पर कार्रवाई होती है. आज तक हमने इस सब चीजों में कभी हस्तक्षेप नहीं किया है. उन्होंने कहा कि बिहार में जहां कहीं भी घटना होती है तो उसकी बारीकी से जांच होती है. जिन दो जगहों पर घटनाएं हुई है, वहां पर कड़ी कार्रवाई की गई है. घटनाओं को लेकर पुलिस प्रशासन पूरे तौर पर सतर्क रहता है. घटना में कोई भी अगर दोषी पाया जायेगा तो चाहे वह किसी दल का हो, उस पर कार्रवाई होगी. दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. 


उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता क्या बोलते हैं उस पर मैं ध्यान नहीं देता. गौरतलब है कि सासाराम विधानसभा सीट से 1990 से पांच बार विधायक रहे जवाहर प्रसाद को पुलिस ने बीती रात्रि सासाराम स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया. रोहतास की एक अदालत ने जवाहर प्रसाद के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था. रोहतास के पुलिस अधीक्षक कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, 30 मार्च को रामनवमी के अगले दिन 31 मार्च को सासाराम नगर थाना क्षेत्र में भड़के साम्प्रदायिक उपद्रव के सिलसिले में प्राथमिकी दर्ज कर उसमें 41 नामजद एवं करीब 500 अज्ञात को अभियुक्त बनाया गया था. बयान के अनुसार इस मामले में अबतक 64 गिरफ्तारियां (22 नामजद अभियुक्त एवं 42 अन्य अभियुक्त) हुई हैं और दो अभियुक्तों ने पुलिस की दविश के कारण अदालत में आत्मसमर्पण किया है.


बयान के अनुसार वर्तमान में कुल 12 अभियुक्तों के विरूद्ध अदालत से इश्तेहार एवं 27 अभियुक्तों के विरूद्ध गैर जमानतीय वारंट निर्गत है. इसी क्रम में 28 अप्रैल की रात्रि को अदालत से प्राप्त गैर जमानतीय वारंट का तामिल करते हुए अप्राथमिकी अभियुक्त जवाहर प्रसाद, शहनवाज आलम उर्फ लखानी को गिरफ्तार कर शनिवार को न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है. इस घटना की जांच के लिए गठित विशेष अनुसंधान दल अपनी छानबीन जारी रखे हुए है. इस बीच भाजपा की बिहार इकाई ने अपने पूर्व विधायक की गिरफ्तारी को नीतीश कुमार नीत बिहार में अल्पसंख्यक वोटों के लिए तुष्टिकरण की राजनीति करार दिया. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता निखिल आनंद ने आरोप लगाया कि सासाराम में सांप्रदायिक हिंसा और दंगे पूरी तरह से राज्य प्रायोजित थे ताकि भाजपा को सम्राट अशोक की जयंती मनाने से रोका जा सके. इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह थे. उन्होंने आरोप लगाया कि दंगे में मारा गया शख्स ओबीसी समुदाय का है और अब राज्य सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग के लोकप्रिय नेता को मामले में बलि का बकरा बनाना चाहती है.


आनंद ने आरोप लगाया कि भाजपा नेता जवाहर प्रसाद जी ओबीसी नेता हैं जिन्होंने सासाराम विधानसभा क्षेत्र का पांच बार प्रतिनिधित्व किया और नीतीश सरकार उन्हें और अन्य दलित नेताओं को अपराधी के रूप में दर्ज करना चाहती है. यह केवल मुस्लिम वोटों के लिए बिहार सरकार की तुष्टिकरण की राजनीति है. उल्लेखनीय है कि रोहतास के सासाराम और नालंदा के जिला मुख्यालय बिहारशरीफ में 31 मार्च और एक अप्रैल को रामनवमी के जुलूसों के विवाद के बाद हिंसा हुई थी. घटना में एक व्यक्ति की मौत हुई थी.


इनपुट- भाषा 


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